मप्र में बाढ़ के हालात, मुख्यमंत्री ने की नागरिकों से संयम बरतने की अपील

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भोपाल। मध्य प्रदेश में बीते तीन दिनों तक हुई लगातार बारिश से कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। हालांकि, मंगलवार को बारिश थमी हुई है, लेकिन बांधों के गेट खोले गए हैं, जिससे नदियां उफान पर हैं और गांवों में पानी भरा हुआ है। इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागरिकों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन लगातार व्यवस्थाओं में जुटा हुआ है।

मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक कर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। बैठक के बाद उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि प्रिय बहनों और भाइयों, पिछले 48 घंटों में मध्यप्रदेश में भीषण वर्षा हुई है। मध्य एवं पूर्वी मध्यप्रदेश में वर्षा ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इसके कारण बांध लबालब भरे हैं। कई बांधों के गेट खोलने पड़े हैं और कई जगह नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।

उन्होंने कहा कि विदिशा जिले में बेतवा और सहायक नदियां उफान पर हैं। कई गांव घिरे हुए हैं। गुना में पार्वती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, कुछ गांव में जलभराव की स्थिति है। अब नर्मदा में जलस्तर कई जगह कम हो रहा है, लेकिन नेमावर जैसे स्थान पर बढ़ भी रहा है।

उन्होंने कहा कि वे स्वयं कल से लगातार स्थिति पर नजर रखे हैं। रात को भी सिचुएशन रूम से और सवेरे भी सारे जिलों से जुड़कर हर आवश्यक कदम उठाने का प्रयास किया है। वे भोपाल की सड़कों पर रात में भी घूमे थे। सभी जिलों में वर्षा हुई है। प्रशासन लगातार सक्रिय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 405 व्यक्तियों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला है, लगभग 23 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। अकेले विदिशा जिले में ही 18 शिविरों में 1200 लोग रुके हुए हैं और लगातार भोजन और आवश्यक सारी व्यवस्थाएं करने का प्रयास किया जा रहा है। विदिशा में लगातार कई गांव में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। विदिशा और गुना जिले के 25 गांव बाढ़ में गिरे हुए हैं। विदिशा और गुना जिले के 10 गांव में जो लोग फंसे हुए हैं, उनको दो हेलीकॉप्टर के माध्यम से एयरलिफ्ट किया जाएगा। राजगढ़ जिले में 8 राहत शिविरों में 500 लोगों को ठहराया गया है।

उन्होंने कहा कि कालीसिंध, पार्वती और चंबल नदी के जल स्तर पर भी लगातार नजर रखी जा रही है। नर्मदापुरम, विदिशा, सीहोर और भोपाल में स्थिति ज्यादा खराब है। यहां एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए दो हेलीकाप्टर की व्यवस्था की गई है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि सभी लोग घरों में रहें और बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों से कहा है कि चिंता न करें, संकट की इस घड़ी में सरकार उनके साथ है। राहत एवं बचाव के कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। बाढ़ से जो नुकसान हुआ है, सरकार उसकी भरपाई करेगी। संकट के समय में लोग संयम बरते।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उन्होंने मंत्रियों से वर्चुअली चर्चा कर प्रदेश में अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और लोगों की मदद करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाना और प्रभावितों की मदद करना हमारा धर्म है। कैबिनेट की बैठक स्थगित करके मैं भी बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए निकल रहा हूं। अलग-अलग जगहों के प्रभारी मंत्री भारी वर्षा के कारण उत्पन्न परिस्थितियों की जानकारी लें और जहां आवश्यक है, वहां जाएं। आवश्यक व्यवस्थाएं करें।

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