एएसआई को कुचला, शहडोल में अवैध रेत से भरी ट्रॉली को रोकने की कोशिश की तो ड्राइवर ने रौंदा

मध्यप्रदेश में बेलगाम हो चुका है रेत माफिया

शहडोल – शहडोल में रेत का अवैध परिवहन कर रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली ने एएसआई को कुचल दिया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मामला ब्यौहारी थाना इलाके में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात करीब 12 बजे का है। रविवार दोपहर को पुलिस और प्रशासन ने ट्रैक्टर मालिक के अवैध मकान पर बुलडोजर चलाकर गिरा दिया।
ब्यौहारी थाने में पदस्थ एएसआई महेंद्र बागरी एक आपराधिक मामले में फरार स्थायी वारंटी को पकड़ने बड़ौली गांव गए थे। एएसआई गया प्रसाद कन्नौजे और आरक्षक संजय दुबे उनके साथ थे। इसी दौरान खढौली गांव के पास सामने से ट्रैक्टर-ट्रॉली आती दिखी। बागरी ने उसे रोकने का इशारा किया लेकिन ड्राइवर उन्हें कुचलता हुआ ट्रैक्टर-ट्रॉली को आगे बढ़ा ले गया।
पोस्टमार्टम के बाद जब शव को ब्यौहारी अस्पताल से घर ले जाया जा रहा था, उस दौरान बागरी की पत्नी दुर्गावती पति की एक झलक देखने के लिए कह रही थीं। वे कभी एंबुलेंस के कांच को खटखटातीं तो कभी ड्राइवर के सामने हाथ जोड़कर कहतीं कि एक बार दरवाजा खोल दो।
मामले में ब्यौहारी सिविल हॉस्पिटल स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई। अस्पताल के पोस्टमॉर्टम हाउस में एएसआई बागरी के शव का पोस्टमॉर्टम दीवार की ओट में जमीन पर रखकर किया गया। परिजन के साथ मौके पर मौजूद अन्य लोग भी इसके गवाह बने।
इस मामले में जब अस्पताल में ही मौजूद ब्यौहारी एसडीएम नरेंद्र सिंह धुर्वे से बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात की जानकारी नहीं है। इस संबंध में बीएमओ से बात की जाएगी। जमीन पर पोस्टमॉर्टम नहीं करना चाहिए था। मैं इसकी जांच करवाता हूं।’

ब्लड का सैंपल लेने दोबारा लाए शव

पोस्टमॉर्टम के बाद परिजन शव लेकर घर जाने लगे। एफएसएल टीम को एएसआई बागरी का ब्लड सैंपल चाहिए था ताकि घटनास्थल पर मिले खून से मिलान किया जा सके। ऐसे में शव को दोबारा पीएम हाउस लाया गया। करीब आधे घंटे बाद ब्लड सैंपल लेकर शव परिजन को दिया गया।
वहीं, महेंद्र बागरी की मां रोती-बिलखती बेटे का नाम पुकार रही थीं। जिस गाड़ी में शव रखा था, मां उसके पास पहुंचकर एक बार बेटे को देखने के लिए मिन्नतें करती रहीं।
एएसआई महेंद्र बागरी की पोस्टिंग ब्यौहारी थाने में 3 मार्च 2024 को हुई थी। इसके पहले वे पुलिस लाइन शहडोल में पोस्टेड थे। बागरी मूल रूप से सतना जिले के सिंहपुर थाना इलाके के मसनहा गांव के रहने वाले थे। उनकी पत्नी दुर्गावती बागरी शहडोल में पुलिस लाइन स्थित सरकारी आवास में ही रह रही हैं। तीन बेटियां हैं। इनके नाम- आयुषी (13), परी (8) और सिवी (3) हैं।