माकपा ने राज्य सरकार पर लगाया मदरसों का अनुदान रोकने का आरोप

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भोपाल। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने प्रदेश के साढ़े सात हजार मदरसों को मिलने वाला सरकारी अनुदान रोकने का आरोप लगाया है। पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने रविवार को एक बयान जारी करते हुए कहा है कि पिछले छह साल से राज्य सरकार ने मदसरों का अनुदान रोक रखा है। इससे न केवल मदरसों के संचालन में दिक्कत आ रही है, बल्कि उनमें पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए महीनों से वेतन के भी लाले पड़े हुए हैं।

माकपा नेता ने कहा है कि इन मदरसों में अल्पसंख्यक समुदाय के दो लाख से ज्यादा छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं। इनमें जाने वाले छात्र गरीब परिवारों के ही होते हैं, जिनके माता-पिता निजी स्कूलों की महंगी फीसों का बोझ नहीं उठा सकते हैं। यदि सरकार अनुदान नहीं देती है तो न केवल मदरसे बंद हो जाएंगे, बल्कि इनमें पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य भी चौपट हो जाएगा।

जसविंदर सिंह ने कहा है कि मदरसों का अनुदान रोकने के साथ ही इसकी प्रक्रिया को इस तरह उलझा दिया गया है कि सही परिस्थिति को समझना ही मुश्किल हो गया है। माकपा ने राज्य सरकार से मदरसों के शिक्षकों और छात्रों के भविष्य को देखते हुए तुरंत अनुदान जारी करने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि सरकार से एक शिक्षक वाले मदरसे को सालाना 72 हजार रुपये, दो शिक्षक वाले मदरसे को 1 लाख 11 हजार रुपये और 3 शिक्षक वाले मदरसे को 2 लाख 16 हजार रुपये अनुदान मिलता है। वर्तमान में इन मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या 25000 और छात्रों की संख्या दो लाख के करीब है।

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