मप्र विधानसभा: संसदीय कार्य मंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बीच हुई तीखी बहस

भोपाल। मप्र विधानसभा में मानसून सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। प्रश्नकाल की शुरुआत में ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कांग्रेस विधायकों के साथ बुधवार को पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी का मुद्दा उठाया। इस बात पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा और नेता प्रतिपक्ष के बीच जमकर बहस हुई। नेता प्रतिपक्ष ने इस पर चर्चा करवाने की मांग की। भारी हंगामे के चलते विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित कर दी।

दरअसल, पोषण आहार वितरण में कथित गड़बड़ी के मामले को लेकर बुधवार को कांग्रेस विधायक हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए विधानसभा पहुंचे थे। पुलिसकर्मियों ने उन्हें गेट पर ही रोक लिया। कांग्रेस विधायकों ने पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाया। बताया गया कि कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेढ़ा के साथ झूमाझटकी की गई और उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए। इस मामले को लेकर गुरुवार को विधानसभा सत्र की शुरुआत में ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सदन के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस ने गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस सदस्य जीतू पटवारी ने सत्ता पक्ष के सदस्य उमाकांत शर्मा पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदस्य पांची लाल मेढ़ा को जान का खतरा है। उन्होंने सरकार से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की।

सत्र शुरू होने के पहले विधायक मेढ़ा के साथ बदसलूकी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायक विधानसभा के गेट नंबर-3 के सामने धरने पर बैठ गए। उन्होंने नारेबाजी करते हुए विधानसभा के भीतर जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेढा रो पड़े। उन्होंने कहा कि मेरी जान को खतरा है। विधायक जीतू पटवारी ने उनके आंसू पोछे।

विधानसभा की कार्यवाही को लेकर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जैसा कांग्रेस का गाना होगा, वैसा हमारा बजाना होगा। विपक्ष सदन चलने नहीं देना चाहता, इसका कारण विपक्ष का एक्सपोज होना है। उनके पास कोई वक्ता भी नहीं है, इसलिए सिर्फ हंगामा कर सदन के संचालन में अवरोध उत्पन्न करते हैं।