कांग्रेस ने की राशन वितरण में हुई गड़बड़ी की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

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भोपाल। एमपी एजी की आडिट रिपोर्ट में सामने आई टेक होम राशन की गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी जांच की मांग की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह सरकार ने माताओं और बच्चों के भोजन में करोड़ों रुपयों का महाघोटाला किया है। छोटे गरीब बच्चों, स्कूल से ड्राप आउट बच्चियों और गर्भवती माताओं को 24 सौ करोड़ का राशन केवल कागजों में हो बाँट दिया गया।

उन्होंने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि पूरा प्रदेश जानना चाहता है कि बिहार के चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला प्रदेश में चुपचाप कैसे हो गया? धार के कारमा बाँध फूटने की घटना ने भ्रष्टाचारी सरकार की बदनामी पूरे देश में कराई। उन्होंने कहा कि एमपी एजी की आडिट रिपोर्ट में साफ़ है कि लगभग 24 सौ करोड़ का ‘टेक होम’ राशन एक करोड़ 35 लाख लोगों को बांटा गया। यह राशन बड़ी मात्रा में केवल कागजों में बाँट दिया गया। ऊपर से राशन भी घटिया निकला। बाइक, कार, आटो, टैंकर के नम्बरों को ट्रक के नम्बर बता कर वितरण दिखाया गया और करोड़ों के बिल पास कर दिए गए। पता नहीं मामाजी छोटे छोटे वाहनों को बड़ा ट्रक बनाने का जादू कैसे कर लेते हैं?

अजय सिंह ने कहा कि शासन की मिलीभगत से मिलों ने बिना बिजली खपत के सैंकड़ों टन राशन तैयार कर लिया। इसे अदृश्य ट्रकों से वितरित भी कर दिया। अनाज का हवाई वितरण दिखाकर करोड़ों के फर्जी बिल भी सरकार से पास हो गये। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग ने ड्राप आउट लड़कियों की संख्या नौ हजार बताई थी। शासन ने इसे नहीं माना। बिना बेस लाइन सर्वे के इस संख्या को 36 लाख से अधिक मान लिया और राशन वितरण भी दिखा दिया।अजयसिंह ने कहा कि एमपी एजी की रिपोर्ट प्रथम दृष्टया घपले की वास्तविकता दर्शाती है। इसमें जो भ्रष्टाचार दिख रहा है, वह तो बहुत कम है। सूक्ष्मता से जांच होने पर अब तक का सबसे बड़ा फर्जीवाडा सामने आ जाएगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई या न्यायिक जांच कराने की मांग की है, ताकि प्रदेश की जनता के सामने सच्चाई आ सके।

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