विजयवर्गीय ना-ना करते रहे, सिंधिया हाथ पकड़कर मंच पर ले गए

0

इंदौर। कभी धुरविरोधी रहे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बीच शनिवार को मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के पुरस्कार वितरण समारोह में गुड केमिस्ट्री देखने को मिली। दरअसल, विजयवर्गीय मंच से नीचे बैठे थे। यह देख केन्द्रीय मंत्री सिंधिया मंच से उतरे और विजयवर्गीय का हाथ पकड़कर उन्हें मंच पर लाए। इस दौरान विजयवर्गीय ना-ना करते रहे, लेकिन सिंधिया नहीं माने और उन्हें अपने साथ बैठाया। उन्हें मंच तक ले जाने और बैठाने के दौरान पूरा हॉल तालियों से गूंजता रहा।

समारोह में रणजी चैंपियन मध्य प्रदेश टीम सहित प्रदेश के क्रिकेटरों पर पैसों की बरसात हुई। एमपीसीए के सालाना पुरस्कार समारोह में करीब साढ़े चार करोड़ रुपये के पुरस्कार बांटे गए। चार करोड़ रुपये का चेक रणजी ट्राफी चैंपियन मप्र टीम और कोच को भेंट किया गया। वहीं प्रत्येक चयनकर्ता को 7.30 लाख रुपये दिए गए।

मप्र क्रिकेट संगठन का सालाना पुरस्कार समारोह शनिवार शाम को बायपास स्थित ग्रैंड शेरेटन होटल में आरंभ हुआ। कार्यक्रम के दौरान मप्र रणजी ट्राफी टीम की सफलता को लेकर एक वीडियो फिल्म भी दिखाई गई। इसमें बताया गया कि किस तरह से मप्र टीम ने अपनी तैयारी की, मैच दर मैच कैसे टीम आगे बढ़ी। समारोह में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय जगदाले, एमपीसीए के अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर सहित सभी पदाधिकारी मंच पर मौजूद थे। पूर्व भारतीय विकेटकीपर किरण मोरे भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

तीन लोगों को निष्काम कर्म योगी सम्मान

समारोह में 82 साल के इंदौर के कन्नू पंवार, 70 साल के उज्जैन के सलीम खान, 82 साल के विमल चंद्र जैन को सम्मानित किया गया। विमल जैन की आयु को देखते हुए उन्हें सम्मानित करने के लिए सभी अतिथि मंच से नीचे पहुंचे। दो लोगों को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया। खेल के क्षेत्र में यह सम्मान विजय नायडू और खेल प्रशासन के क्षेत्र में श्रवण गुप्ता को सम्मान दिया गया। इंदौर का होलकर स्टेडियम बनाने में श्रवण गुप्ता का अहम योगदान रहा।

कुंबले ने दी टीम को बधाई

समारोह में अनिल कुंबले ने कहा कि मप्र की जीत मेरे लिए भी एक जुड़ाव रखती है। मध्यप्रदेश ने मेरे घर बेंगलुरु में जीत हासिल की है। मैं पूरी टीम को बधाई देता हूं। भारतीय क्रिकेट आगे बढ़ रहा है। पिछले कुछ सालों में सौराष्ट्र, विदर्भ, गुजरात और मप्र ने रणजी ट्राफी जीती है। चंद्रकांत पंडित ने इस टीम को गढ़ा है। फ़ाइनल में तीन बल्लेबाजों ने शतक लगाए। मैं हमेशा सोचता हूं कि पहली पारी की बढ़त से जीत क्यों, जीत तो सीधी होना चाहिए। मप्र ने अधिकाश मैच सीधे जीते।मुझे ख़ुशी है कि इस टीम में कोई सुपर स्टार नहीं था, सभी टीम की तरह खेले और जीते। चंद्रकांत पंडित को मैं क्रिकेट का एलेक्स फर्ग्यूसन मानता हूं, जो हर टीम को चैंपियन बनाते हैं।

Leave a Reply