देश में महंगाई और बेरोज़गारी के लिए मोदी सरकार की नीतियां जिम्मेदारः आराधना मिश्रा

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भोपाल। उत्तरप्रदेश विधानमंडल में कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा ‘‘मोना’’ ने भोपाल प्रवास के दौरान केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि एक समय था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की जनता को महंगाई और बेरोज़गारी से मुक्त भविष्य का सपना दिखाया था। इसके विपरीत आज उन्होंने लोगों को रिकॉर्ड तोड़ मूल्य वृद्धि और 45 वर्षों में सबसे अधिक बेरोजगारी की भयावह स्थिति में डाल दिया है।

उन्होंने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी केवल महंगाई को नियंत्रित करने में ही असफल नहीं हुए बल्कि उनकी नीतियों ने वास्तव में लोगों की पीड़ा को और बढ़ा दिया है।

आराधना मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2019 में मतदाताओं के सामने इस बात का दंभ भरा था कि खाद्यान्न, दही, लस्सी और छाछ जैसी आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन 2022 में उन्होंने उन्हीं वस्तुओं पर जीएसटी लगा दी। उन्होंने 2019 के चुनाव में लोगों से वोट लेने के लिए उज्ज्वला योजना का खूब प्रचार किया लेकिन चुनावों के तुरंत बाद उन्होंने संवेदनहीनता दिखाते हुए रसोई गैस पर सब्सिडी को खत्म कर दिया। रसोई गैस की कीमतों में दोगुनी से अधिक वृद्धि कर उसे 1,053-1200 रुपये प्रति सिलेंडर तक पहुंचा दिया। ये उन तमाम मामलों में से सिर्फ़ दो ऐसे उदाहरण हैं, जहां प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों का वोट प्राप्त करने के लिए उन्हें धोखा दिया।

कांग्रेस नेत्री ने कहा कि हर कीमत पर अपने खजाने को भरने की मोदी सरकार की हताशा ने उसे अप्रत्याशित ईंधन कर लगाने के लिए प्रेरित किया, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति को और आघात पहुंचा है। पेट्रोल, डीज़ल और एलपीजी की वैश्विक कीमतें 2021-22 की तुलना में 2013-14 में बहुत अधिक थीं लेकिन उपभोक्ता आज एक लीटर ईंधन या एलपीजी सिलेंडर के लिए यूपीए शासन काल की तुलना में कहीं अधिक भुगतान कर रहा है।

उन्होंने कहा कि कच्चे तेल और रसोई गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतें पिछले कुछ महीनों से कम हो रही हैं, लेकिन उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसके विपरीत जब-जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में वृद्धि होती है तो ये सरकार पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों को बढ़ाना कभी नहीं भूलती।

उन्होंने कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना हमारे युवाओं के लिए रोज़गार की संभावनाओं के साथ तो खिलवाड़ करती ही है, यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक नया ख़तरा है। सशस्त्र बलों में शामिल होकर अपने देश की सेवा करने का सपना देखने वाले युवकों और युवतियों को 4 साल के लिए संविदा आधार पर नौकरी का प्रस्ताव दिया जा रहा है, जिसमें पेंशन या सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। सरकार की इन विवेकहीन नीतियों के परिणाम विनाशकारी रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस समय में लोगों के साथ खड़ी है। संसद से सड़क तक हमने मोदी सरकार की दिशाहीन नीतियों के विरुद्ध आवाज़ उठाई है जिनके कारण भारत में महंगाई और बेरोजगारी में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। हम आगामी रविवार यानी 4 सिंतबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली आयोजित करेंगे। हम मांग करते हैं कि सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने और रोज़गार पैदा करने के अपने वादे को अविलंब पूरा करे और इसके साथ-साथ हम सभी नागरिकों से आग्रह करते हैं कि जन-विरोधी और युवा-विरोधी दृष्टिकोण को बदलने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के हमारे प्रयास में साथ आएं।

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