शिवपुरी की बाढ़ देख यशोधरा राजे ने घेरा सरकार को, भू माफिया को ठहराया जिम्मेदार

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शिवपुरी- शिवराज सरकार में खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल में आई बाढ़ के लिए भू-माफिया को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि तालाबों में कॉलोनियां और नालों में मकान बनेंगे तो बाढ़ जैसे हालात निर्मित होंगे। इससे पहले पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने भी इसी तरह के आरोप लगाए थे। यशोधरा का बयान इसलिए सरकार के सामने बड़ा सवाल है, क्योंकि मध्य प्रदेश में 15 साल से अधिक समय (15 महीनें की कमलनाथ सरकार को छोड़कर) भाजपा की सरकार है और प्रदेश में भू-माफिया के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।

यशोधरा गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र शिवपुरी के दौरे पर थीं। वे यहां से विधायक भी हैं। उन्होंने कहा कि रियासत काल में जो ताल-तलैया हुआ करते थे। अब उन तालाबों में भू-माफियाओं ने कॉलोनी काट ली हैं। उनका कहना है कि अगर तालाबों में कॉलोनी काटी जाएंगी तो यह हालात तो निर्मित होंगे ही। उन्होंने वर्तमान निर्मित हुए हालातों के लिए भू-माफियाओं को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि हमें अब यह देखना होगा कि कहां-कहां तालाबों में कॉलोनियां काटी गई हैं और नालों पर मकान कैसे बन गए हैं। बता दें कि यशोधरा इससे पहले भी कई बार सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा चुकी हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने उठाए सवाल
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने बाढ़ से निपटने की रणनीति को लेकर सरकार के अधिकारियों पर सवाल किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाढ़ के हालात सरकारी लापरवाही के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि अगर हमको जानकारी थी कि इस बार भारी बारिश होगी तो फिर अधिकारियों ने पहले से क्यों ध्यान नहीं दिया।

सिंचाई व मौसम विभाग में तालमेल नहीं
उन्होंने यह भी साफ कहा कि सिंचाई विभाग और मौसम विभाग का आपस में कोई तालमेल नहीं था।अनूप मिश्रा ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने मंत्री तुलसी सिलावट को पत्र लिखकर कहा था कि इन सारी गलतियों के लिए किसी न किसी की जवाबदेही तय की जानी चाहिए कि आखिर गलती किससे हुई है। कलेक्टर और कमिश्नर और पुलिस अधिकारियों ने पहले गांव को खाली नहीं कराया। जिस पानी को डायवर्ट किया जा सकता था, उसको डायवर्ट नहीं किया गया। उसी का परिणाम पूरा प्रदेश भुगत रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि रोड धंस गए और बांध टूट गए हैं। पुराने पुल खड़े और नए पुल टूट रहे हैं।

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