कमलनाथ को स्टार प्रचारक की लिस्ट से हटाने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, कहा चुनाव आयोग को अधिकार नहीं

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चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार ख़त्म होने से दो दिन पहले कमलनाथ के प्रचार पर लगाई थी रोक।

भोपाल/दिल्ली। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को स्टार प्रचारक की लिस्ट से हटाने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। चुनाव आयोग ने उपचुनाव के दौरान कमलनाथ को कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से हटाने का आदेश दिया था, जिसे कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। चुनाव आयोग के इस आदेश पर शीर्ष कोर्ट ने रोक लगा दी है और आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

आयोग का नोटिस और कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि किसी पार्टी का नेता कौन हो, यह तय करने का अधिकार आयोग को नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, कमलनाथ के ऊपर अशालीन बयान देने के आरोप में चुनाव आयोग ने कार्रवाई की थी। जिसके तहत उन्हें स्टार प्रचारकों की लिस्ट से बाहर कर दिया गया था।

क्या कहा था चुनाव आयोग ने

चुनाव आयोग ने 31 अक्तूबर को अपने आर्डर में कहा था कि अब से कमलनाथ ने अगर एक भी चुनाव प्रचार कार्यक्रम में हिस्सा लिया तो उसका पूरा खर्च वह उम्मीदवार वहन करेगा जिसके विधानसभा क्षेत्र में प्रचार कार्यक्रम आयोजित हो रहा होगा। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद एमपी कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर कहा था कि मध्यप्रदेश उपचुनाव में बीजेपी ने हार मान ली है।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने इसे अलोकतांत्रिक फैसला करार दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा था कि चुनाव आयोग को इस तरह के फैसले लेने का अधिकार ही नहीं है। और कमलनाथ का दावा था कि चुनाव में स्टार प्रचारक जैसा कोई पद होता ही नहीं है।

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