राशन की कालाबाजारी, 1830 किलो गेहूं और 720 किलाे चावल बाजार में बिकने से पहले पुलिस ने पकड़ा

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लक्ष्मीगंज स्थित सीडब्ल्यूसी के वेयरहाउस से ट्रक में माल भरकर घाटीगांव की दुकानों पर भेजा जाना था

गरीबों के राशन की कालाबाजारी एक बार फिर सामने आई है। नागरिक आपूर्ति निगम के ठेकेदार ने घाटीगांव इलाके के गरीबों के हक का राशन कंट्रोल की दुकानों पर न भेजकर बेचने के लिए डबरा रूट पर भेज दिया। रास्ते में क्राइम ब्रांच की टीम ने राशन से भरे ट्रक को पकड़ लिया।

ट्रक में 1830 किलो गेहूं और 720 किलो चावल भरा था, जिसे 400 परिवारों के यहां बांटा जाना था। ट्रक में भरे माल की कीमत करीब 7.50 लाख रुपए आंकी गई है। मामले में झांसी रोड थाना पुलिस ने ट्रक चालक और मालिक पर एफआईआर कर ली है, लेकिन ट्रांसपोर्टर पर कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद दाेषियाें पर कार्रवाई होगी।

एसपी अमित सांघी ने बताया कि शनिवार दाेपहर में लक्ष्मीगंज स्थित सीडब्ल्यूसी के वेयरहाउस से कंट्रोल की दुकानों तक राशन पहुंचाने के लिए ट्रक एमपी07 एचबी 3079 भरा गया था, जिसे डबरा में किसी आटा मिल और व्यापारी को बेचने की तैयारी की सूचना मिली थी। सूचना मिलने पर क्राइम ब्रांच की टीम को लगाया गया। ट्रक में भरा माल घाटीगांव की दुकानों पर भेजा जाना था। वेयरहाउस से इसी रूट के लिए बिल्टी बनी थी, लेकिन ट्रक घाटीगांव के रास्ते पर न जाकर डबरा की ओर मुड़ गया।

संदेह हाेने पर सिथौली के पास इस ट्रक को पकड़ लिया गया। जब कागज देखे तो इससे पुष्टि हो गई कि राशन घाटीगांव स्थित पीडीएस की दुकानों के लिए निकला था। क्राइम ब्रांच की टीम ने रात में राशन से भरा ट्रक झांसी रोड थाने में रखवा दिया। रविवार शाम को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत ड्राइवर पंकज पांडे और ट्रक मालिक मेहर सिंह निवासी लक्ष्मण तलैया पर एफआईआर दर्ज की गई।

घाटीगांव इलाके की दुकानों तक राशन पहुंचाने का ठेका सतीश जैन की फर्म शुभम ट्रांसपोर्ट पर है। ये फर्म मोना जैन के नाम पर रजिस्टर्ड है, लेकिन पुलिस ने फर्म पर काेई कार्रवाई नहीं की। इस मामले में एसपी का कहना है कि हमने नागरिक आपूर्ति निगम और खाद्य विभाग से दस्तावेज मांगे हैं। अभी गिरफ्तार चालक पंकज पांडे को ही किया गया है।

इससे पहले भी कालाबाजारी में शामिल रहा है ट्रांसपोर्टर जैन
कंट्रोल की दुकानों से बंटने वाले राशन की कालाबाजारी में ट्रांसपोर्टर सतीश जैन पहले भी शामिल रहा है। उसकी पुरानी छावनी स्थित कंट्रोल की दुकान को निलंबित किया गया था, क्योंकि पात्र परिवारों के हक का राशन उसने बेचा था। पहले भी उसकी फर्म में अटैच गाड़ी दूसरे रूट पर पकड़ी गई थी, उस समय वह बच गया था।

ऐसी चालाकी: ट्रांसपोर्टर ने बचने के लिए गाड़ियां नहीं लगाई। उसने मेहर सिंह नाम के ट्रांसपोर्टर की गाड़ियां अपनी फर्म में अटैच कीं। जिससे पकड़े जाने पर उस पर एफआईआर दर्ज हो। उधर पकड़ा गया चालक चालाकी से ट्रक ले जा रहा था। दोपहर 3 बजे वह गोदाम से निकला। करीब 4 घंटे तक गिरवाई पर खड़ा रहा। फिर रूट बदलने से पहले उसने एक ढाबे पर कुछ बोरे उतारे, इसके नगद पैसे लिए। रात 1 बजे उसे टीम पकड़ पाई।

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