उपचुनावाें में पारदर्शिता के लिए नई पहल, कोविड पेशेंट के पाेस्टल बैलेट की चुनाव आयोग कराएगा वीडियाेग्राफी

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80 वर्ष की आयु के बुजुर्गों को पोस्टल बैलेट से मतदान करने की सुविधा मिलेगी

नवंबर में संभावित प्रदेश की 28 विधानसभा सीटाें के उपचुनावाें काे पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयाेग ने नई व्यवस्था तय की है। इसके मुताबिक काेई भी काेविड पेशेंट यदि बैलेट पेपर से मतदान करना चाहता है ताे इनके मतदान आवेदन नामांकन के पांच दिन बाद तक लिए जाएंगे। उन्हें यह आवेदन रिटर्निंग ऑफिसर काे करना हाेगा। इसके साथ जहां मरीज का इलाज चल रहा है, वहां के डाॅक्टर का प्रमाण पत्र लगेगा।

चुनाव की तारीख से एक दिन पहले इनके बैलेट पेपर लिए जाएंगे। इस प्रक्रिया की वीडियाेग्राफी हाेगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रमोद शुक्ला का कहना है कि कोविड से संबंधित मामलों की विस्तृत जानकारी निर्वाचन अधिकारियों को दे दी गई है।

अस्पताल पहुंचकर लेंगे वाेट

यदि पेशेंट अस्पताल में भर्ती है ताे आयाेग के कर्मचारी वीडियोग्राफी टीम के साथ वहां पहुंचेंगे और पोस्टल बैलेट लेंगे। यदि मरीज होम आइसोलेशन में हैं तो टीम मोबाइल फोन पर संपर्क कर घर पहुंचेगी। यदि पेशेंट घर पर नहीं मिला तो टीम दूसरी बार भी घर जाएगी। यदि फिर भी मरीज नहीं मिला तो वह वोट नहीं डाल पाएगा।

इन्हें नहीं होगी डाॅक्टर के सर्टिफकेट की जरूरत

80 वर्ष की आयु के बुजुर्गों को पोस्टल बैलेट से मतदान करने की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही विकलांगो को यह सुविधा पूर्ववत मिलेगी। ऐसे मामलों में डाक्टर के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी। अब तक पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा चुनाव ड्यूटी पर तैनात या सेना में तैनात सैनिकों को मिलती है। 18 साल की आयु वाले मतदाताओं के नाम वोटिंग लिस्ट में उप चुनाव वाले क्षेत्रों में नामांकन के दस दिन पहले तक जुड़ सकेंगे।

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