केंद्र एवं राज्य सरकार के विश्वासघात का परिणाम है कि किसानों की आय कम हो गई: विभा पटेल

भोपाल। मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व महापौर विभा पटेल ने कृषि मंत्री कमल पटेल के सोमवार को विधानसभा में दिए गए बयान पर कहा कि शिवराज सरकार के मंत्री मुकरने में माहिर है। किसान की आमदनी दोगुना करने का वादा मोदी सरकार एवं शिवराज सिंह चौहान सरकार ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के समय किया था। अब ये वादा भाजपा के लिए सिर्फ जुमला है। केंद्र एवं राज्य सरकार के विश्वासघात का परिणाम है कि किसानों की आय बढ़ना तो दूर, पहले की अपेक्षा कम हो गई है। 

विभा पटेल ने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ जी ने कांग्रेस की सरकार बनते ही किसानों के दो लाख रूपए तक के कर्ज माफ कर 27 लाख किसानों को राहत दी थी। कमलनाथ सरकार ने किसान को खुशहाल बनाने और साहूकारी प्रथा से निजात दिलाने कई कठोर कदम उठाएं थे। लेकिन शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने कर्ज माफी योजना पर ब्रेक लगा दिया, खरीद-फरोख्त की सरकार बनाने के बाद शिवराज सरकार द्वारा सबसे पहले किसानों के हितों पर कुठाराघात करने वाले फैसले लिए गए।

विभा पटेल ने कहा कि कृषि पर बनी संसदीय समिति ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि किसानों की आय दोगुनी किए जाने के लक्ष्य से तो सरकार काफी दूर रही, लेकिन चार राज्य ऐसे भी उसने बताएं, जहां किसानों की आय बढ़ने के बजाय कम हो गई, इसमें मध्यप्रदेश भी शामिल है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में दो सर्वे के आंकड़े भी शामिल किए हैं। ये सर्वे 2015-16 और 2018-19 के हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर भी स्पष्ट है कि किसानों की आय बढ़ने के बदले में घटी हैं। अब घोषणावीर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को बताना चाहिए कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने के वादे का क्या हुआ? वैसे भी प्रदेश में खाद-बीज के कमी से परेशान किसान को महंगे दामों पर इसकी खरीदी करना पड़ी तो पहले भावांतर फिर किसान सम्मान निधि के नाम पर किसान के विश्वास को ठगा गया है।


विभा पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री का एक सूत्रीय कार्यक्रम है, आम जनता, किसान, नौजवान, महिलाओं, वंचित वर्ग, गरीब, दलित, आदिवासी वर्ग आदि को भ्रमित कर गुमराह करना। अब चुनाव नजदीक आते ही वे मंच पर फिल्मी अभिनेताओं की तरह अभिनय और संवाद करने लगे है। लेकिन जनता अब इनके झूठ, फरेब और प्रपंच मंे नहीं आएगी। मेरा शिवराज जी से यही आग्रह है कि वे अभिनय छोड़ किसानों की कर्ज माफी के काम को आगे बढ़ाएं। साहूकारों के जाल से किसानों को बचाएं। उनकी फसल को वाजिब दाम दिलाएं। खाद, बीज, बिजली आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

उज्जवला गैस योजना मजाक बनी:-
विभा पटेल ने कहा कि प्रदेशभर में उज्जवला गैस योजना का लाभ लेने वाले उपभोक्ता सिलेंडर लेने के बाद दोबारा री-फिलिंग कराने में रूचि नहीं ले रहे हैं। वजह साफ है कि सामाजिक सुरक्षा एवं वृद्धावस्था पेंशन के रूप में 600 रुपए प्रति माह पाने वाला हितग्राफी कहां से सिलेंडर भरवाने के लिए 1060 रुपए लाएगा। श्रीमती पटेन ले कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने गरीबों के लिए उज्जवला योजना को काफी उपयोगी बताते हुए इसे पेश किया था, लेकिन अब हालत ये है कि अधिकांश हितग्राहियों ने दोबारा सिलेंडर ही नहीं भरवाया। गरीब तबका कहां से 1060 रुपए यानी सिलेंडर रिफिल कराने की कीमत चुकाने लाएगा। इससे सिद्ध है कि भाजपा की मोदी सरकार ने व्यवहारिक स्थिति को जाने बगैर ऐसी योजना लांच की जिसका लाभ गरीब आदमी नहीं उठा पा रहा। उल्टे इस योजना से जनता पर आर्थिक बोझ डाला गया है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें आम आदमी की पहुंच से दूर होने के कारण गरीब व्यक्ति उज्जवला योजना के तहत मिले सिलेंडर का उपयोग नहीं कर रहंे। ये मिसाल भाजपा की मोदी सरकार की कथनी और करनी को प्रकट करती है।