देश के दिल में 70 साल बाद फिर बसने जा रहा चीता

ग्वालियर। 70 साल बाद भारत में फिर से चीतों की वापसी होने जा रही है। देश से विलुप्त हुए चीतों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार 17 सितम्बर को एमपी के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एक बार फिर बसाने जा रहे हैं।

आपको बता दें कि दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से आ रहे आठ चीतों की पहली झलक भी सामने आ चुकी है। इन 8 चीतों में साढ़े पांच साल के दो नर, एक साढ़े 4 साल का नर, ढाई साल की एक मादा, 4 साल की एक मादा, दो साल की एक मादा और 5 साल की दो मादा चीता भी शामिल हैं। यह तमाम चीते नामीबिया के अलग-अलग इलाकों से लाए जा रहे हैं।

चीतों के लिए शिकार भी तैयार

जानकारी के मुताबिक एमपी के नरसिंहगढ़ के पास चिड़ीखो अभयारण्य में चीतल एवं हिरणों की तादाद बहुत अधिक है। इस कारण यहां से 181 चीतल कूनो लाए गए हैं, वहीं चीतल को चीते का पसंदीदा शिकार बताया जाता है, नामीबिया के चीते अब इन्हीं चीतलों का शिकार करते हुए हृष्ट-पुष्ट रहकर अपनी तादाद बढ़ा सकेंगे। जिससे मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट के साथ चीता स्टेट के नाम से जाना जाएगा।

दरअसल, भारत में वर्ष 1952 से विलुप्त घोषित ‘चीता’ वर्ष 2022 में पुन: पुनर्स्थापित होने जा रहा है। इसके पूर्व चीता पुनर्स्थापना के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों की चर्चा हुई। प्रदेश के लिये गौरव की बात है कि भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाईल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए किये गये संभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण में देश में चयनित 10 स्थान में से प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान को सर्वाधिक उपयुक्त पाया। यह ऐतिहासिक है कि इस कार्य का शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा हो रहा है। प्रधानमंत्री दो बाड़ों में चीते विमुक्त करेंगे। पहले बाड़े में दो नर चीते छोड़े जाएंगे। दूसरे बाड़े में एक मादा चीता को छोड़ा जाएगा।