घोटालों से ध्यान हटाने के लिए आयोजित किया चीता इवेंट: कमलनाथ

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को अपने जन्मदिन के अवसर पर एमपी को चीतों की सौगात दी है। पीएम मोदी ने श्योपुर जिले के कूनो में आठ चीते छोड़े है, जिसे लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज सरकार चीता इवेंट कर रही है। वही श्योपुर जिला देश का सबसे ज्यादा कुपाषित है। अच्छा होता वहां कुपोषण दूर करने पर सरकार कुछ करती। गुजरात के गिर से जो शेर मध्यप्रदेश आने थे आज उस पर बात क्यों नहीं कर रहे है।

कमलनाथ ने आज जारी अपने एक बयान में आरोप लगाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में निरंतर सामने आ रहे घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों से ध्यान हटाने के लिए शिवराज सरकार ने यह चीता इवेंट आयोजित किया है। यदि सरकार को चीते ही छोडऩा थे तो साधारण तरीके से भी छोड़े जा सकते थे लेकिन तीन लाख करोड़ के कर्जदार प्रदेश में चीता छोडऩे के लिए भी लाखों-करोड़ों खर्च कर एक मेगा इवेंट आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिस श्यौपुर जिले के कूनो अभयारण्य में यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, वह श्यौपुर जिला देश में कुपोषण के मामले में वर्षों से शीर्ष पर है। मध्यप्रदेश में कुपोषण के बढ़ते आँकड़ो के बीच पोषण आहार घोटाला भी सामने आया है लेकिन सरकार की चिंता उस जिले से कुपोषण दूर करने की नहीं है, उसकी चिंता तो वहां करोड़ों खर्च कर मेगा इवेंट करने में है। बेहतर होता सरकार करोड़ों रुपये की इस राशि को इस मेगा इवेंट की बजाय कुपोषण दूर करने में लगाती और चीते को साधारण तरीके से छोडऩे का काम करती।

गुजरात के शेर क्यों नही ला पाई सरकार

पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि वैसे भारत में चीते लाने की परियोजना की परिकल्पना मनमोहन सिंह सरकार के समय बनी थी। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2020 में इसकी अनुमति दी लेकिन भाजपा की तो शुरु से ही आदत है कि वह कांग्रेस सरकारों के समय किए गए कामों का भी झूठा श्रेय खुद लेती है। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर अभयारण्य में गुजरात के गिर राष्ट्रीय पार्क से एशियाई शेरों को लाने को लेकर मध्य प्रदेश सरकार वर्षों से सिर्फ़ दावे ही कर रही है। करीब 9 वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट भी गुजरात सरकार को यह शेर देने का आदेश दे चुका है लेकिन मध्य प्रदेश सरकार आज तक गुजरात से इन शेरों को नहीं ला सकी है, इसके पीछे शिवराज सरकार की इच्छाशक्ति का अभाव है और इसके पीछे की सारी सच्चाई व वास्तविकता भी सभी को भली भाँति पता हैं। इस मुद्दे से ध्यान हटाने के भी यह चीता इवेंट किया जा रहा है। जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने इस अभ्यारण से कई गांवो के सेकडो परिवारों का विस्थापन भी किया, करोड़ों रुपए खर्च भी किये लेकिन गुजरात सरकार की जिद के कारण आज तक यह शेर मध्यप्रदेश को नहीं मिल पाये है।जब मध्य प्रदेश में हमारी सरकार आई तो हमने दमदारी से व पुरजोर ढंग से मध्यप्रदेश के इस पक्ष को रखा और इस दिशा में प्रयास भी शुरू किए लेकिन हमारी सरकार बीच में गिरा दी गई।

घोटालों से ध्यान हटाने के लिए किया चीता इवेंट

कमलनाथ ने कहा कि सरकार प्रदेश में निरंतर सामने आ रहे घोटालों से ध्यान हटाने के लिये यह चीता इवेंट कर रही है। मध्यप्रदेश में हाल ही में 5 हज़ार करोड़ का पोषण आहार घोटाला सामने आया है, 304 करोड़ का धार जिले का कारण डैम का भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, यूरिया घोटाला सामने आया है। यह सब घोटाले देशभर में चर्चित हुए हैं। इन घोटालों से ध्यान हटाने के लिए शिवराज सरकार ने यह चीता इवेंट आयोजित किया है। इस चीता इवेंट के लिए विधानसभा का सत्र भी निर्धारित अवधि से पहले समाप्त कर दिया गया क्योंकि सरकार का ध्यान जनहित के मुद्दों व घोटालों पर चर्चा करने की बजाय चीता इवेंट पर लगा हुआ था।