हिमाचल प्रदेश में बारिश ने तोड़े रिकार्ड

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शिमला। मानसून की सबसे भारी वर्षा ने पूरे राज्य में कोहराम मचा दिया। मंडी, चंबा, कांगड़ा, हमीरपुर और शिमला जिलों में बारिश से भारी तबाही हुई है। राज्य में एक ही दिन में भूस्खलन, बाढ़ व बादल फटने की 34 घटनाओं में 18 लोगों की जान गई, जबकि आठ लोग लापता हैं।

मंडी जिला में सबसे ज्यादा 10 लोगों की मौत हुई है। चंबा में तीन, शिमला में दो, ऊना, कुल्लू व कांगड़ा में एक-एक व्यक्ति की जान गई है। अधिकतर मौतें भूस्खलन की चपेट में आने से हुई हैं।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने लोगों की मौत पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

18 साल में सर्वाधिक बारिशः प्रधान सचिव राजस्व

प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा ने बताया कि प्रदेश में इस बार 316 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। पिछले 18 सालों में यह सबसे अधिक बारिश है। केवल 2010 और 2018 में सामान्य से अधिक बारिश हुई है।

742 सड़कें, दो स्टेट व एक नेशनल हाईवे बंद रहे

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार मूसलाधार बारिश से शनिवार को 742 सड़कें, दो स्टेट हाईवे और एक नेशनल हाईवे बंद रहे। मंडी जोन में सबसे ज्यादा 352, शिमला जोन में 206, कांगड़ा जोन में 174 और हमीरपुर जोन में सात सड़कें बाधित हैं। शाहपुर जोन में दो स्टेट हाईवे और शिमला-कालका नेशनल हाईवे भी बंद रहा। इसके अलावा दो हजार ट्रांसफार्मर और 172 पेयजल परियोजनाएं भी बाधित हुईं।शनिवार शाम सानू बंगला के पास पहाड़ी दरकने से शिमला-कालका नेशनल हाईवे भी अवरुद्ध हो गया। यातायात को शोघी-मैहली बाईपास से डाइवर्ट किया गया है। ठियोग-शिमला हाईवे पर ठियोग में एक कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से दो लोगों की मौत हो गई और दो जख्मी हुए हैं।

राहत व बचाव कार्य तेज करने के निर्देश

भारी नुकसान को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सचिवालय में आपात बैठक बुलाई। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी विभागों के आलाधिकारी मौजूद रहे। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को बचाव कार्य में तेजी लाने के साथ सड़कें, बिजली व पानी की आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए हैं।

प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा ने बताया कि पुनर्वास और राहत कार्यों के लिए जिलों को 232 करोड़ की राशि दी गई है। उन्होंने कहा कि मानसून सीजन में वर्षा जनित हादसों में अब तक 233 लोगों की मौत हो चुकी। बारिश से प्रदेश में 1200 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

21-24 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने बताया कि बीते 24 घंटों के दौरान कांगड़ा जिला के गग्गल में सर्वाधिक 347 मिमी बारिश हुई। इस मानसून सीजन में बारिश का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। धर्मशाला में 333, जोगेंद्रनगर में 210, नैना देवी में 184, बैजनाथ में 155, गोहर में 129, बिजाही में 125, मंडी में 120, पंडोह मेें 117, पालमपुर में 113, डल्हौजी व सरकाघाट में 111-111, मशोबरा में 109, ठियोग में 90, सुंदरनगर में 78, कंडाघाट में 75, शिलारू में 68, काहू व कुफरी में 68-68, बरठीं में 61, शिमला में 58, शुन्नी भाजी में 56, चोपाल व मैहरे में 54, कसोल में 52, बजुआरा में 43, तिंदर व धर्मपुर में 42-42, नारकंडा में 41 और झंडुता में 40 मिमी वर्षा हुई है।मौसम विभाग ने 21 से 24 अगस्त तक प्रदेश के मैदानी और मध्य पर्वतीय भागों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है।

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