भोपाल-औबेदुल्लागंज सिक्सलेन प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले भ्रष्टाचार की दरारें आयीं सामने

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  • गड़बड़ी छिपाने को सीमेंट की लीपापोती भी काम नहीं आई
  • 2012 से चल रहा है प्रोजेक्ट का काम, मार्च अंत तक पूरा होना है

ये तस्वीर निर्माणाधीन भोपाल-औबेदुल्लागंज सिक्सलेन रोड की है। 529 करोड़ रुपए की लागत से इसका निर्माण चल रहा है। अभी यह कार्य पूरा ही नहीं हुआ है, लेकिन भ्रष्टाचार की दरारें इसमें साफ नजर आ रही हैं, वह भी सवा फीट गहरीं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कॉन्क्रीट और सीमेंट की पकड़ से भी मजबूत भ्रष्टाचार की जड़े हैं।

मिसरोद से आगे बढ़ने पर सड़क पर यह क्रैक नजर आना शुरू हो जाते हैं। आमतौर पर गर्मी के दिनों में कॉन्क्रीट में कुछ क्रेक आते हैं। कई बार तराई में कमी रह जाने पर भी हेयर क्रैक आ जाते हैं, लेकिन मंडीदीप के पास यह क्रैक सामान्य नहीं हैं। इन क्रैक को छुपाने के लिए इनके ऊपर सीमेंट की लेयर लगा दी गई है, लेकिन इस तरह की लेयर से स्ट्रक्चर में स्ट्रेंथ नहीं आती और लोड बढ़ते ही यह क्रैक्स सामने आ जाएगा।

खतरनाक हो सकते हैं क्रैक्स, बारिश में और होगी परेशानी

काॅन्क्रीट सड़क पर यह क्रैक खतरनाक साबित हो सकते हैं। बरसात में इनका आकार बढ़ जाएगा जो वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है और दुर्घटना की वजह भी बन सकता है।

एक्सपर्ट व्यू- कॉन्क्रीट स्लैब फेल हो गया, दोबारा ही निर्माण करना होगा

भोपाल-ओबेदुल्लागंज रोड पर ट्रैफिक शुरू होने से पहले ही कॉन्क्रीट पर क्रैक्स आ गए हैं, उससे साफ है कि पूरा कॉन्क्रीट स्लैब फैल हो गया है। कॉन्क्रीट से पहले बेस तैयार करने में लापरवाही बरती गई।

डब्ल्यूएमएम में गिट्‌टी कम रह गई। इसके बाद काॅम्पेक्ट भी नहीं किया गया। बाद में कॉन्क्रीट में लोहा कम उपयोग किया गया। यह कॉन्क्रीट दोबारा बनाने के अलावा कोई और चारा नहीं है। यदि इस सड़क पर ट्रैफिक चला तो बड़े-बड़े गड्‌ढे हो जाएंगे। जो वाहनों को नुकसान पहुंचाएंगे।

-वीके अमर, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी

भूमि अधिग्रहण- 8 साल रुका रहा काम

भोपाल-औबेदुल्लागंज सड़क का काम 2012 से चल रहा है। एक्सप्रेस-वे में कई मोड़ खत्म होने से भोपाल से औबेदुल्लागंज तक के सफर में 10 किमी तक की कमी आएगी। जमीन अधिग्रहण से संबंधित दिक्कतों के कारण प्रोजेक्ट करीब 8 साल तक तो ठप ही रहा।

अभी भी मामला पूरी तरह नहीं निपटा है। हालांकि मप्र रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन का दावा है कि मार्च अंत तक सड़क का काम पूरा हो जाएगा। मिसरोद में बीआरटीएस के अंतिम पॉइंट से होशंगाबाद के पास बिनेका तक सड़क एमपीआरडीसी बना रहा है। भारी वाहनों और फोर व्हीलर के लिए 6 लेन के साथ दोनों ओर दो-दो लेन की सर्विस रोड टू व्हीलर के लिए बनाई जा रही है।

दरारों का परीक्षण कराया जाएगा

सड़क निर्माण में क्वालिटी का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। हमारी टीम नियमित इंस्पेक्शन भी कर रही है। कई बार कॉन्क्रीट में तापमान में बदलाव आदि के कारण भी दरारें आती हैं। इनका परीक्षण कराया जाएगा।

-पूनम कछवाह, डिविजनल मैनेजर, एमपीआरडीसी​​​​

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