पूर्व सीएम के पीएस रहे रस्तोगी साथी आईएएस से भिड़े

जेल विभाग के सचिव दाहिमा से कहा- यहां से जाइए; जवाब मिला- सम्मान से बोलिए

भोपाल – जेल विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और सचिव ललित दाहिमा के बीच तनातनी हो गई। इसकी वजह रही, फार्मासिस्ट के वेतन वृद्धि और एक जेल अधीक्षक के कोर्ट केस से जुड़ी अवमानना की फाइलों की नोटशीट पर लिखी टीप। मामला बुधवार का है, जो गुरुवार रात सामने आया। मामला मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक पहुंच गया है। रस्तोगी पूर्व सीएम के पीएस रहे हैं।
रस्तोगी ने दाहिमा से कह दिया कि यहां से जाइए। दाहिमा ने जवाब दिया- सम्मान से बोलिए। विवाद इतना बढ़ा कि बात सीएम और मुख्य सचिव तक पहुंच गई। गुरुवार को दाहिमा ने मुख्य सचिव वीरा राणा से मिलकर पूरी जानकारी दी। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही एक अधिकारी की जेल विभाग से रवानगी हो सकती है।

चार मिनट लेट होने से शुरू हुआ विवाद

रस्तोगी ने बुधवार सुबह 10:30 बजे जेल विभाग की बैठक बुलाई। इसमें दाहिमा और उप सचिव कमल नागर को बुलाया गया। विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सचिव की गाड़ी उप सचिव के पास और उप सचिव की गाड़ी सचिव के पास गई। इससे दाहिमा 4​ मिनट लेट हो गए। यहीं से विवाद की शुरुआत हुई।

पढ़िए रस्तोगी और दाहिमा के बीच हुई बातचीत

रस्तोगी- आपकी सुबह तो लेट होती।
दाहिमा- गाड़ी जैसे आई, आ गया।
रस्तोगी- आप विभाग में ही क्यों आ गए, यहां 3 अफसरों की क्या जरूरत?
दाहिमा- सरकार ने पोस्टिंग दी है, इसलिए आया हूं।
रस्तोगी- आपने फाइलें करना क्यों शुरू कर दिया? ज्यादा दिमाग है कि आप गोद रहे हैं।
दाहिमा- डीएस फाइल भेजेंगे तो मेरी ड्यूटी है कि उसे टीप के साथ आपके पास भेजूं। जो भी लीगल होगा, उसे तो लिखना पड़ेगा।
रस्तोगी- आप जाइए यहां से, (तेज आवाज में)।
दाहिमा- सम्मानजनक तरीके से बोलिए। आप अनादर नहीं कर सकते। मेरा भी आत्म सम्मान है।
रस्तोगी- आप यहां बैठिए, मैं ही चला जाता हूं।
दाहिमा- जी नहीं, आपका कक्ष है। मैं जाता हूं।

(जैसा मंत्रालय सूत्रों ने बताया। यह घटनाक्रम करीब 10-12 मिनट चला। चूंकि रस्तोगी के कक्ष का दरवाजा हमेशा खुला रहता है, इसलिए कुछ लोग वहां जमा हो गए और घटनाक्रम सुना।)

दाहिमा बोले- उचित फोरम पर रख दी बात
दाहिमा ने कहा कि मैंने उचित फोरम पर बात रख दी है। इस बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहना चाहते। रस्तोगी से जब घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने ऐसी कोई बात होने से मना किया। दाहिमा के मुख्य सचिव से मिलकर शिकायत करने के बारे में बताया गया तो रस्तोगी ने टिप्पणी करने से मना कर दिया।
बता दें कि घटना के समय जेल विभाग के उप सचिव कमल नागर के साथ आसपास के कर्मचारी भी वहां मौजूद रहे। दाहिमा की एक दिन पहले ही जेल विभाग में पोस्टिंग हुई है। रस्तोगी पहले जेल विभाग के प्रमुख सचिव पदस्थ किए गए थे, लेकिन बाद में जीएडी मिलने के बाद जेल विभाग अतिरिक्त प्रभार में चला गया।