ओवैसी भाजपा के समर्थक, वो वही बोलते हैं जो भाजपा को सूट करता है – दिग्विजय सिंह

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि असदुद्दीन ओवैसी भाजपा के समर्थक हैं और वह वही बोलते हैं जो भाजपा को सूट करता है। दिग्विजय सिंह शुक्रवार को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर हटा पहुंचे और उसके बाद पथरिया भी गए। दोनों जगह उन्होंने बाबा साहब को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए और कांग्रेसियों में एक नई जान फूंकने का प्रयास किया।
हटा में प्रेसवार्ता के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ओवैसी भाजपा के समर्थक हैं। वो वही बोलते हैं जो भाजपा को सूट करता है।
दिग्विजय सिंह ने कहा शिवराज सिंह को 20 साल तक लाड़ली बहना की याद क्यों नहीं आई? शिवराज इतने दिन तक इंतजार क्यों करते रहे। उन्हें अपने भांजे भांजी को बेरोजगारी भत्ता देने की याद क्यों नहीं आई। केवल चुनाव के आते ही लोगों को गुमराह करने के लिए वह इस तरह की घोषणा कर रहे हैं और उसमें भी कई तरह के नियम लगा दिए। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम कमलनाथ ने घोषणा की है कि जो गैस सिलेंडर पहले 400 रुपए में मिलता था, अब 1200 में मिल रहा है। यदि सरकार बनी तो उसे 500 रुपए में देंगे। इतना ही नहीं कांग्रेस की सरकार में जिस तरह बिजली बिल में कमी की गई थी, वही लाभ जनता को फिर से दिया जाएगा। इसके अलावा रिटायर्ड हो चुके कर्मचारियों को फिर से पेंशन शुरू की जाएगी।

सख्त होना चाहिए दल बदल कानून

दल बदल कर इधर-उधर होने वाले नेताओं को लेकर उन्होंने कहा कि दल बदल कानून को और सख्त करने की जरूरत है। यह प्रावधान होना चाहिए यदि कोई व्यक्ति दल बदलता है, तो उसे 6 साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाना चाहिए। पूर्व सीएम ने कहा कि हर व्यक्ति को संविधान में अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है, तो फिर एक धर्म के लोगों को भाजपा तारगेट क्यों करती है। बीजेपी के सारे नेता जो संवैधानिक पद पर रहते हुए हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं उन्हें संविधान में दी गई शपथ के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
पूर्व सीएम ने भाजपा से सवाल करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में उन्हीं के एटीएस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए भाजपा के भोपाल आईटी सेल अध्यक्ष ध्रुव सक्सेना और बजरंग दल अध्यक्ष बलराम सिंह सहित 20 लोगों को पाकिस्तान के आईएसआई से पैसा लेकर जासूसी करते हुए पकड़ा गया, लेकिन शिवराज सिंह जो खुद को राष्ट्र भक्त कहते हैं उन्होंने उन लोगों पर राष्ट्र द्रोह का मुकदमा क्यों दर्ज नहीं कराया? क्यों उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिल गई और क्यों सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सरकार ने चुनौती नहीं दी।