विवादित पुस्तक लिखने वाले लॉ कॉलेज के प्रोफेसर के खिलाफ जांच और एफआईआर के निर्देश

भोपाल। इंदौर के शहर के नवीन शासकीय विधि महाविद्यालय के छह प्रोफेसरों के खिलाफ धार्मिक कट्टरता फैलाने के आरोप लगने के बाद यहां के एक एक अन्य प्रोफेसर डॉ. फरहत खान की विवादित पुस्तक का मामला भी गरमा गया है। इस मामले में प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर पुलिस कमिश्नर को जांच कर दोषी होने पर 24 घंटे में एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

गृह मंत्री डॉ. ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। इंदौर के शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय में राष्ट्र विरोधी गतिविधियां संचालित करने के मामले में जांच के आदेश के साथ पांच लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि इंदौर के शासकीय नवीन लॉ कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. फरहत खान की विवादित पुस्तक के मामले में इंदौर पुलिस कमिश्नर को जांच कर दोषी होने पर 24 घंटे में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।

गृह मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मध्य प्रदेश में किसी भी हालत में नक्सलवाद को बढ़ने नहीं दिया जाएगा। अभी तक प्रदेश में 86 लाख रुपये के इनामी नक्सली या तो मार दिए गए हैं या जेल के सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने नशे के कारोबार को लेकर कहा कि प्रदेश में नारकोटिक्स एवं अन्य नशीली दवाओं की रोकथाम और बेहतर समन्वय हेतु प्रदेश के सभी जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) का थाना खुलने जा रहा है। जिसका कार्य क्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश होगा।

उन्होंने प्रदेश में कोरोना की स्थिति की जानकारी भी मीडिया के साथ साझा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण का कोई नया केस नहीं आया है। वहीं प्रदेश में अब कोरोना की संक्रमण दर भी शून्य हो गई है। वर्तमान में प्रदेश में कुल एक्टिव केस 08 हैं और रिकवरी रेट 98.70 फीसदी है।

गौरतलब है कि नवीन शासकीय विधि महाविद्यालय के छह प्रोफेसरों पर धार्मिक कट्टरता फैलाने का आरोप लगाते हुए बीते गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र नेताओं ने कालेज में प्रदर्शन करते जमकर हंगामा किया था। उन्होंने प्रोफेसरों पर कॉलेज का माहौल खराब करने और विवादित टिप्पणियां करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वह कक्षाओं में पढ़ाने के दौरान राष्ट्र विरोधी मानसिकता का प्रचार-प्रसार करते हैं। अधिकांश समय सिर्फ एक धर्म से जुड़ी बातें करते हैं, जिसका पाठ्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है। छात्राओं को रेस्त्रां में चलने और बाहर मिलने का कहा जाता है। मामले को गंभीरता से लेते हुए कॉलेज प्रबंधन ने प्रोफेसरों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पांच दिन के लिए कार्यमुक्त कर दिया था, साथ ही पूरे मामले की जांच करने का आश्वासन दिया था। इन प्रोफेसरों में अमीक खोखर, डा. मिर्जा मोजिज बेग, डा. फिरोज अहमद मीर, डा. सुहैल अहमद वाणी, मिलिंद कुमार गौतम व डा.पूर्णिमा बीसे शामिल हैं।