आत्मनिर्भर होगा मध्यप्रदेश बजट, प्रस्ताव में चारों सेक्टर्स को आधार बनाकर प्रावधान

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भोपाल। मध्यप्रदेश का वित्तीय वर्ष-2022-23 का बजट आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप पर टिका होगा, लेकिन साथ ही डिजिटलीकरण का कांसेप्ट भी बजट में प्रमुखता से होगा। इस बार केंद्र सरकार ने डिजिटलीकरण पर कई नवाचार तय किए हैं, जिनकी थीम-लाइन पर मध्यप्रदेश में भी काम होगा। इसके लिए प्रदेश में डिजिटल कांसेप्ट को साकार करने अतिरिक्त बजट भी रखा जाएगा। बजट 9 मार्च को विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। अभी इसके प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दी जा चुकी है।

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के तहत चार प्रमुख स्तम्भ रखे गए हैं। इसमें सुशासन, अर्थव्यवस्था-रोजगार, शिक्षा-स्वास्थ्य और अधोसंरचना शामिल हैं। मौजूदा वित्तीय सत्र में शिक्षा के लिए करीब 27 हजार करोड़ और स्वास्थ्य के लिए साढ़े सात हजार करोड़ का प्रावधान है। इसमें स्वास्थ्य में इस बार काफी बढ़ोत्तरी होगी। अधोसंरचना की बात की जाए तो केवल शहरी व ग्रामीण विकास में ही 22 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट रखा गया है। नए बजट में ग्रामीण अधोसरंचना पर ज्यादा काम होगा। जल मिशन से लेकर सिंचाई परियोजना व ऊर्जा सेक्टर तक का बजट बढऩा तय है। वहीं सुशासन और अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए विभिन्न विभागों के तहत प्रावधान किए जाने हैं। इसमें सर्विस डिलीवरी सिस्टम को सुधारने पर फोकस रहेगा। अनेक परियोजनाओं में डीम्ड एनओसी का सिस्टम लाया जाना है। इसके लिए प्रोजेक्ट मद में बजट प्रावधान रहेंगे।

यूं डिजिटलीकरण को मिलेगा बढ़ावा-
केंद्र सरकार ने बजट में किसानों के लिए डिजिटल सेवाएं, डिजिटल यूनिवर्सिटी, ई-पासपोर्ट, डिजिटल शिक्षा, डिजिटल बैंक सहित अन्य कई ई-वर्किंग के लिए प्रावधान किए हैं। इनके हिसाब से इस बार प्रदेश के बजट में भी राज्य से जुड़े मामलों में डिजिटलीकरण के लिए बजट रखा जाएगा। कोरोना काल के कारण डिजिटल का महत्व बढ़ा है। इसके तहत स्कूल-कॉलेजों में स्मार्ट क्लास, बिजली के स्मार्ट कंट्रोल पैनल, डिजिटल हेल्थ कार्ड से लेकर अन्य डिजिटल सेवाओं के लिए प्रावधान नए बजट में रखे जाने हैं।

फैक्ट फाइल-

  • 2.41 लाख करोड़ का है अभी बजट
  • 2.17 लाख करोड़ खर्च अनुमानित अभी बजट में
  • 2.50 लाख करोड़ से ज्यादा का रहेगा इस बार बजट
  • 8294 करोड़ के घाटे का था मौजूदा बजट

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