पहली बार होगा मिर्ची बम, स्टन गन का इस्तेमाल, चुनाव के दौरान बवाल रोकने के लिए किया जायेगा इस्तेमाल

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भिंड-मुरैना उपचुनाव: ग्वालियर-चंबल इलाके की 7 विधानसभा सीटों के लिए बनाई गई खास रणनीति, दंगा रोकने वाले हथियारों का किया जाएगा इस्तेमाल।

भिंड/मुरैना। मध्य प्रदेश पुलिस ने प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में आने वाली सात विधानसभा सीटों पर शांतिपूर्ण उपचुनाव कराने के लिए विशेष रणनीति तैयार की है। इन सीटों पर हिंसा की किसी भी आशंका से निपटने के लिए पुलिस पहली बार उन हथियारों का इस्तेमाल करेगी, जिनका उपयोग आमतौर पर दंगे रोकने के लिए किया जाता है। इन विशेष हथियारों में मिर्ची बम और स्टन गन का इस्तेमाल शामिल है। इलाके के पुलिस कर्मियों को इन्हें इस्तेमाल करने के लिए विशेष तौर पर ट्रेनिंग भी दी जा रही है।

इतना ही नहीं इस बार उपचुनाव में इलाके की सात सीटों के तहत आने वाले 15 प्रतिशत पोलिंग बूथ पर वेबकास्टिंग कराई जाएगी, जबकि आमतौर पर सिर्फ पांच प्रतिशत मतदान केंद्रों पर ही वेबकास्टिंग कराई जाती है। ये विशेष उपाय भिंड जिले की मेहगांव व गोहद और मुरैना जिले की मुरैना, दिमनी, सुमावली, अंबाह और जौरा सीटों पर आजमाए जाएंगे। इन सभी इलाकों में कुल मिलाकर 989 संवेदनशील मतदान केंद्र चिह्नित किए गए हैं।

आमतौर पर चुनाव के दौरान हिंसा रोकने के लिए प्रशासन पहले संवेदनशील केंद्रों की पहचान करता है, फिर वहां केंद्रीय बल के जवानों को तैनात किया जाता है। इसके अलावा फ्लाइंग स्क्वॉड अलग से तैयार किए जाते हैं। लेकिन इस बार अलग रणनीति पर काम हो रहा है। इस रणनीति के तहत मेहगांव-गोहद में सभी लाइसेंसी हथियार थानों में जमा करा लिए हैं। लाइसेंस धारकों से उनके कारतूस मंगाकर उन पर क्यूआर कोड डाले गए हैं, ताकि फायरिंग होने पर खाली खोखा मिलते ही पता चल सके कि गोली किसने चलाई।

जिले के कलेक्टर और एसपी सभी मतदान केंद्रों का निरीक्षण कर रहे हैं। इस दौरान ये अफसर मतदान केंद्र के आसपास रहने वाले महिलाओं, पुरुषों और बच्चों को अपने और जिले के दूसरे बड़े पुलिस अधिकारियों के मोबाइल नंबर दे रहे हैं, ताकि कोई वारदात होते ही फौरन उसकी सूचना आला अफसरों को मिल जाए।

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