वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने लंदन के चर्च में रचाई दूसरी शादी

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हरीश साल्वे ने रंगमंच की कलाकार कैरोलिन से लंदन के एक चर्च में ईसाई रीति रिवाज़ों के मुताबिक शादी की, भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल 2 साल पहले धर्मान्तरण करके ईसाई बन चुके हैं।

लंदन। जाने माने वकील और भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने दूसरी शादी कर ली है। उन्होंने बुधवार 28 अक्टूबर को लंदन के एक चर्च में कैरोलिन ब्रोसार्ड से शादी की। 65 साल के हरीश साल्वे ने अपनी पहली पत्नी को शादी के 38 साल बाद तलाक देकर दूसरी शादी की है। 56 साल की कैरोलिन ब्रोसार्ड एक रंगमंच कलाकार हैं और लंदन में ही रहती हैं। 

हरीश साल्वे की शादी में सिर्फ 15 करीबी मेहमान शामिल हुए। शादी लंदन के एक चर्च में ईसाई रीति रिवाजों के मुताबिक हुई। कुछ समय पहले मुंबई मिरर को दिए गए एक इंटरव्यू में साल्वे ने बताया था कि वे दो साल पहले ईसाई बन चुके हैं और तभी से नियमित रूप से चर्च जाते हैं। साल्वे ने इसी साल जून में अपनी पहली पत्नी मीनाक्षी साल्वे को तलाक दिया था। उनकी दो बेटियां हैं। कैरोलिन ब्रोसार्ड की भी 18 साल की एक बेटी है।

Photo Courtesy: India Today

साल्वे बताते हैं कि वे ब्रोसार्ड से पहली बार एक कार्यक्रम में ही मिले थे, जिसके बाद दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई।  साल्वे के मुताबिक कैरोलिन ने हर मुश्किल वक्त में उनका साथ दिया है। उन्होंने बताया कि वे और ब्रोसार्ड रंगमंच, क्लासिक संगीत और कला में समान रूप से दिलचस्पी रखते हैं, जिसने दोनों को करीब लाने में बड़ी भूमिका निभाई है। 

साल्वे के परवरिश नागपुर में हुई। उनके पिता एनकेपी साल्वे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता थे, जो पी वी नरसिंहराव की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। लेकिन पिता की तरह राजनीति में जाने की बजाय हरीश साल्वे ने वकालत को अपना पेशा बनाया। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौर में वे भारत के सॉलिसिटर जनरल भी बने। उनके मुवक्किलों में मुकेश अंबानी और रतन टाटा जैसे नामचीन उद्योगपति शामिल रहे हैं। धीरे-धीरे उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अदालतों में भी जिरह करनी शुरू की। इस दौरान उनका काफी वक्त लंदन में गुज़ने लगा। यहीं रहते हुए वे क्वीन काउंसिल के सदस्य भी बने। 

Harish Salve: वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने लंदन के चर्च में रचाई दूसरी शादी

साल्वे का कहना है कि भारतीय न्यायवस्था में सुधार की जरूरत है और यहां के न्यायाधीशों और वकीलों को बहुत कम पैसे मिलते हैं। पिछले कुछ बरसों में हरीश साल्वे ने कई अहम मामलों में केंद्र की मोदी सरकार का भी बचाव किया है। सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक में उन्होंने अलग-अलग मामलों में केंद्र सरकार का पक्ष रखा है। हरीश साल्वे ने नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में भारतीय और विदेशी मीडिया में कई लेख भी लिखे थे। इसकी वजह से मोदी सरकार के समर्थकों के बीच उनका बहुत सम्मान है। हालांकि ये जानकारी सामने आने के बाद कि वे दो साल पहले धर्मांतरण करके ईसाई बन चुके हैं और अब उन्होंने एक अंग्रेज़ ईसाई महिला से शादी भी कर ली है, पता नहीं उन समर्थकों की क्या प्रतिक्रिया होगी। 

बीजेपी के अनेक नेताओं से लेकर आईटी सेल की गुरिल्ला सेना के सदस्य तक धर्मांतरण का विरोध करते हैं, घरवापसी के अभियान चलाते हैं और धर्म बदलकर शादी करने वाले हिंदुओं को ट्रोल भी करते हैं। हाल ही में तनिष्क के विज्ञापन को जिस तरह से निशाना बनाया गया, वह बहु-सांस्कृतिक, बहु-धार्मिक समाज की अवधारणा के प्रति उनकी नफरत की मिसाल है। ऐसे में यह शुभकामना ही दी जा सकती है कि हरीश साल्वे और उनकी पत्नी की खुशियों को इस ट्रोल आर्मी की नज़र न लगे। 

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