उमंग सिंघार का दावा- मोदी या राम की लहर नहीं, हम तो हनुमान के भक्त, आदिवासी सीटें जीतेंगे

भाजपा मुद्दों पर चुनाव नहीं लड़ रही – उमंग सिंघार

धार – उमंग सिंघार धार जिले से ही चार बार के विधायक हैं और इसे उनका गढ़ माना जाता है। अमर उजाला से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा मुद्दों पर चुनाव नहीं लड़ रही है। न तो महंगाई का मुद्दा उसे दिख रहा है और न ही बेरोजगारी और किसानों के कल्याण का।

विधानसभा चुनावों में आदिवासी सीटों पर कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था। लोकसभा चुनावों में क्या स्थिति है?
उमंग सिंघारः आदिवासियों का वोटबैंक परंपरागत रूप से कांग्रेस के साथ रहा है। जब भी मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है, तब मालवा-निमाड़ की आदिवासी सीटों की उसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही है। निश्चित तौर से कांग्रेस यहां मजबूत है। धार लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पांच विधायक हैं। हम यहां बढ़त में है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह है। भाजपा ने चार महीने पहले जो सरकार बनाई, वह अपने वादे पूरे नहीं कर सकी है। जनता में रोष है और यह लोकसभा चुनावों पर असर डालेगा।

धार्मिक मुद्दों को लेकर कांग्रेस बैकफुट पर नजर आ रही है। पार्टी के कई बड़े नेता भाजपा में चले गए हैं।
उमंग सिंघारः यहां कोई लहर नहीं है। यदि लहर होती तो वोट प्रतिशत नहीं गिरता। न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर है और न राम जी की लहर है। आस्था सबकी अपनी रहती है। हम तो सदियों से हनुमान जी की आराधना करते रहे हैं। आदिवासी क्षेत्र में हर गांव में आपको हनुमान जी मंदिर मिलेगा। मेरा कहना है कि क्या मंदिर-मस्जिद के मुद्दे से देश के युवाओं की बेरोजगारी खत्म हो सकती है? यह लोग बेरोजगारी पर बात क्यों नहीं करना चाहती? दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था, उस बारे में कोई बात नहीं करना चाहता। आपने किसान को कहा था कि आय दोगुनी करेंगे, ऐसा हुआ नहीं। भाजपा मुद्दों पर चुनाव क्यों नहीं लड़ना चाहती? बेरोजगारी, महंगाई और किसानों को एमएसपी मुद्दा नहीं है क्या? इस पर बात क्यों नहीं करना चाहते?

राहुल गांधी इंदौर आते हैं तो जनजातीय लोगों को 50 प्रतिशत आरक्षण की बात करते हैं।
उमंग सिंघारः इतने साल से दलितों और आदिवासियों का आरक्षण चला आ रहा है। निश्चित तौर पर हम चाहते हैं कि युवाओं की बेरोजगारी खत्म हो। हमने 30 लाख नौकरियों की बात की है। जिन युवाओं के पास नौकरी नहीं है, उन्हें इंटर्नशिप के लिए एक लाख रुपये साल की बात की है। महिलाओं का संबल बनाने के लिए हमने एक लाख रुपये साल की बात की है। डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर योजना के तहत किसान परिवार को पांच हजार रुपये दिए जा रहे हैं। क्या पांच हजार में उसका घर चलेगा? उन्हें तो भीख दे रहे हैं। उन्हें आजीविका से जोड़ने पर फोकस करना होगा। उद्योगों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता कहां है?

यहां जो पलायन का मुद्दा है, वह नेताओं के पलायन का मुद्दा भी नजर आ रहा है।
उमंग सिंघारः जो नेता गए हैं, वह अपने निजी स्वार्थ के लिए गए हैं। 75-80 साल की उम्र में सुरेश पचौरी जी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए हैं तो निजी स्वार्थ ही है। पार्टी ने उन्हें सबकुछ दिया। चार बार सांसद बने। केंद्रीय मंत्री बने। प्रदेश अध्यक्ष बने। रामनिवास रावत जी भी ऐसे ही हैं… यह सब निजी स्वार्थ के लिए जा रहे हैं। पार्टी का आम कार्यकर्ता मध्य प्रदेश में कांग्रेस को मजबूती दे रहा है। 22 साल से भाजपा के शासन के बाद भी कांग्रेस को 38 से 40 प्रतिशत वोट मिलता है तो निश्चित तौर पर यहां कांग्रेस मजबूत है।

भाजपा का दावा है प्रदेश में 29 में से 29 सीटें हम जीतेंगे। क्लीन स्वीप होगा?
उमंग सिंघारः मध्य प्रदेश में हम लोग आज की तारीख में बराबर की स्थिति में है। परिणाम कांग्रेस के पक्ष में रहेगा। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं। भाजपा का 400 पार का नारा नैरेटिव सेट करने का प्रयास है। यदि आपके पास आत्मविश्वास है तो 40 पार्टियों के साथ गठबंधन क्यों बनाया? 40 पार्टियों की बैसाखियों पर आगे क्यों बढ़ रहे हैं? 400 पार दूर का सपना है। प्रदेश की 29 सीटों पर हम बराबर की स्थिति है। आदिवासी क्षेत्र की तीनों सीटों पर हम जीत रहे हैं। भाजपा यहां घबराहट की स्थिति में है। युवा, आदिवासी और किसान, सबने मन बना लिया है कि धार, झाबुआ और खरगोन सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार ही जीतेंगे।

राहुल गांधी धार में आदिवासियों पर अत्याचार की बात करते हैं, तो मोदी जी भोजशाला में वाग्देवी के आशीर्वाद की बात करते हैं।
उमंग सिंघारः राहुल जी ने युवाओं की बात की, महिलाओं की बात की। आदिवासियों के पलायन की बात की। गुजरात संपन्न हो गया है। वहां घरों में नींव के पत्थर रखे हैं तो वह मध्य प्रदेश के आदिवासियों ने रखे हैं। अलीराजपुर, झाबुआ, धार, बडवानी और खरगोन के आदिवासी वहां जाकर काम करते हैं। वह आदिवासी तो आज भी पलायन कर रहे हैं। दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। मोदी जी धार आए और उन्होंने आदिवासियों, युवाओं की बात तक नहीं की।

जिस संपन्न गुजरात की बात कर रहे हैं वह तो मोदी मॉडल है। मोदी की गारंटी पर क्या कहना चाहेंगे?
उमंग सिंघारः गुजरात मॉडल क्या है? वहां उन्होंने सांप्रदायिकता फैलाई और दंगे कराए। यह गुजरात मॉडल है उनका। मोदी जी ने देश के दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने की गारंटी दी थी, वह कहां मिली? दस साल में बीस करोड़ युवा बेरोजगार हो गए। किसानों की गारंटी कहां है? उनकी आमदनी दोगुनी हुई क्या?