जीएसटी के छापे के बाद तबियत बिगड़ी, व्यापारी की मौत

आयकर विभाग से व्यापारी का तीन बार हुआ था सम्मान

खरगोन – खरगोन के एक व्यापारी आयकर विभाग से एक-दो बार नहीं बल्कि तीन बार सम्मानित हो चुके हैं। अब उनकी फर्म पर जीएसटी ने छापा मारा तो उनकी तबियत खराब हुई और उनकी मौत भी हो गई। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में जीएसटी टीम की जांच के दौरान एक दर्दनाक हादसा हो गया। वाणिज्य कर विभाग की जीएसटी टीम शहर के पूर्व पार्षद रह चुके प्रतिष्ठित हार्डवेयर कारोबारी की फर्म पर दस्तावेजों की जांच करने पहुंची थी। इसी बीच अचानक लगभग 93 वर्ष की उम्र पार कर चुके और आयकर विभाग से सम्मानित हार्डवेयर कारोबारी की तबीयत खराब हो गई। इसके चलते जीएसटी की टीम को अपनी कार्यवाही बीच में ही रोक अपनी ही गाड़ी से उन्हें पास के अस्पताल पहुंचना पड़ा। कुछ देर बाद व्यापारी की मौत हो गई।
खरगोन नगर के लगभग 93 वर्ष की उम्र पार कर चुके पूर्व पार्षद और हार्डवेयर कारोबारी शेख वहीउद्दीन कि डायवर्शन रोड़ पर बनी हार्डवेयर की दुकान पर अचानक गुरुवार को जीएसटी विभाग की टीम दस्तावेजों की जांच करने पहुंची थी। जीएसटी की टीम दस्तावेजों को खंगाल ही रही थी कि इसी दौरान अचानक बोहरा समाज से ताल्लुक रखने वाले कारोबारी वहीउद्दीन की तबीयत बिगड़ गई। व्यापारी की तबीयत खराब होते देख जीएसटी की टीम में शामिल अधिकारियों के भी हाथ-पैर फूल गए। उन्होंने कार्यवाही बीच में ही रोककर व्यापारी को अपनी ही गाड़ी से पास के अस्पताल पहुंचाया। टीम ने दुकान का शटर बंद कर तालों पर सील लगाकर फिलहाल कार्रवाई को रोक दिया। हालांकि, अस्पताल पहुंचने के कुछ ही देर बाद बुजुर्ग व्यापारी की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि उनकी मौत सदमा लगने के चलते हार्ट अटैक आने से हुई है। हालांकि, इस बात की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है। देर शाम उन्हें शहर के बोहरा समाज के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

तीन बार हो चुके थे आयकर विभाग से सम्मानित

व्यापारी की मौत से दुखी बोहरा समाजजनों ने बताया कि उनके परिवार की तीन से चार फर्म थी। सभी का हिसाब किताब वही देखते थे। इस उम्र में भी पूरी तरह से स्वस्थ थे, क्योंकि वे समय पर खाना खाते और सोते थे। जीएसटी की कार्रवाई के बीच वे दुकान से घर पर खाना खाने नहीं जा पाए थे। वहीं वे 1970 के आसपास खरगोन की नगर पालिका परिषद में पार्षद भी रह चुके थे। वह हिसाब-किताब रखने के पक्के थे। वे समय पर इनकम टैक्स जमा करते थे। इसके चलते उन्हें आयकर विभाग से तीन बार अवार्ड भी मिल चुका है। राष्ट्रीय पर्व के दौरान वे स्थानीय इनकम टैक्स ऑफिस में ध्वजारोहण करने का सम्मान भी पा चुके थे।