बाबा महाकाल की कार्तिक-अगहन मास की चौथी और अंतिम सवारी निकली

उज्जैन। बाबा महाकाल की इस वर्ष के कार्तिक-अगहन मास की चौथी और अंतिम सवारी सोमवार को अपरांह 4 बजे महाकाल मंदिर से धूमधाम से निकली। परंपरागत मार्गों से होकर सवारी रामघाट पहुंची। पूजन-अभिषेक के बाद सवारी पुन: मंदिर रवाना हो गई।

बाबा महाकाल की कार्तिक अगहन मास के सोमवार को सवारी निकलती है। इस वर्ष कार्तिक-अगहन मास की चौथी और आखिरी सवारी सोमवार को मंदिर से धूमधाम से निकली। चांदी की पालकी में बिराजे बाबा के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु सवारी मार्ग पर एकत्रित थे। बाबा की कोटितीर्थ के समीप परिसर में पूजन पश्चात आरती की गई और पालकी में विराजीत किया गया। यहां से पालकी मुख्य द्वार पर लाई गई। मुख्य द्वार पर गार्ड ऑफ ऑनर के बाद सवारी नगर भ्रमण के लिए निकली।

बाबा महाकाल की सवारी मंदिर से कोट मौहल्ला चौराहा,गुदरी तिराहा,कहारवाड़ी होकर रामघाट पहुंची। यहां मां शिप्रा का पूजन,आरती एवं बाबा महाकाल का पूजन करने के पश्चात सवारी पुन: मंदिर के लिए रवाना हुई। वापसी में सवारी रामघाट से राणोजी की छत्री के सामने से होकर गणगौर दरवाजा से होकर ढाबा रोड़ तथा यहां से टंकी चौक, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी तिराहा, कोट मौहल्ला चौराहा होकर मंदिर पहुंची।