मप्र में गंभीर कुपोषित बच्चे 21 हजार से ज्यादा, मध्यम कुपोषित 57 हजार; सात संभागों में बढ़ा कुपोषण

बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन की ताजा रिपोर्ट

भोपाल – अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन की ताजा तिमाही रिपोर्ट में मप्र में करीब 78 हजार बच्चों में कुपोषण मिला है। ये वो बच्चे हैं, जो रोजाना आंगनबाड़ी पहुंचते हैं। रिपोर्ट जनवरी, फरवरी और मार्च 2023 की है जो दो जून को जारी हुई है। पिछली तिमाही (अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2022) की रिपोर्ट की तुलना में भोपाल समेत सात संभागों में गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ी है।
महिला एवं बाल विकास विभाग अब अगले तीन माह कुपोषित बच्चों को सही स्थिति में लाने की कवायद में जुटेगा। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम के तहत प्रदेश में गंभीर व मध्यम कुपोषित (एसएएम और एमएएम) बच्चों की पहचान करने और उन्हें पोषित बच्चों की श्रेणी में लाने के लिए हर माह 11 से 20 तारीख तक रोजाना आंगनबाड़ी आने वाले बच्चों की मॉनिटरिंग होती है। जनवरी, फरवरी और मार्च में मॉनिटरिंग के बाद 21 हजार 631 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित मिले हैं, जबकि 57 हजार 602 बच्चे मध्यम कुपोषित पाए गए हैं। अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन मप्र के मिशन संचालक डॉ. रामराव भोंसले ने 2 जून को रिपोर्ट जारी की।

मालवा के ट्राइबल जिलों में ज्यादा कुपोषण, धार में 2968 गंभीर

धार में 2 हजार 968 गंभीर कुपोषित बच्चे मिले हैं। मध्यम कैटेगरी की भी संख्या 7,365 है। इसी तरह बड़वानी में भी 1313 गंभीर हैं, जबकि 3,878 कम कुपोषित हैं। श्योपुर जिला जो कभी कुपोषण के मामले में सुर्खियों में था, वहां गंभीर श्रेणी में 191 बच्चे और मध्यम में 408 बच्चे ही मिले। यह महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए सुखद हो सकता है। आदिवासी जिले डिंडोरी में भी यह संख्या गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या 154 मिली है। सबसे कम आगर में 47 और हरदा में 64 बच्चे गंभीर स्थिति में मिले हैं। संभागवार स्थिति देखें तो इंदौर संभाग (अालीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, धार, झाबुआ, खंडवा, खरगोन व इंदौर) में सर्वाधिक 6 हजार 491 बच्चे गंभीर कुपोषित हैं, जबकि कम कुपोषण के शिकार 16 हजार 230 हैं।

पिछली बार से बढ़े कुपोषित बच्चे


अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2022 की तिमाही रिपोर्ट में गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या 20 हजार 728 थी, जो ताजा तिमाही रिपोर्ट में 21 हजार 631 हो गई। भोपाल समेत सात संभागों ग्वालियर, इंदौर, चंबल, रीवा, सागर और उज्जैन में गंभीर कुपोषित बच्चे ताजा तिमाही रिपोर्ट में पिछली बार से ज्यादा मिले हैं।