राहुल गांधी का ऐलान- हमारी सरकार आई तो तीनों कृषि कानून को रद्द कर देंगे

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को पंजाब के मोगा से तीन दिवसीय ट्रैक्टर रैली की शुरुआत की है. हाल ही में प्रभावी हुए तीन कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस ने इस रैली का आयोजन किया है.
नई दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी केंद्र द्वारा लागू नये कृषि कानूनों के खिलाफ मोगा में रविवार को आयोजित ट्रैक्टर रैली का नेतृत्व कर रहे हैं. राहुल ने ट्रैक्टर रैली से पहले मोगा के बदनी कलां में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हम सत्ता में वापस आए तो तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर देंगे. राहुल ने कहा कि मामला पैसों का है और आपकी जमीन का है. पहला मामला मैंने भट्टा पारसौल में देखा. उन्होंने कहा कि हमने जमीन के लिए कानून बनाया लेकिन बीजेपी ने आते ही उसे रद्द कर दिया.
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा, पंजाब और हरियाणा के किसान हिंदुस्तान को अनाज देते हैं. मोदी सरकार का लक्ष्य एमएसपी को खत्म करना है. कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी है और हमेश खड़ी रहेगी और हम एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे. राहुल गांधी ने कहा कि पंजाब के किसान जिस तरह से आंदोलन कर रहे हैं उसे इसी तरह से करते रहिए. कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से आपके साथ खड़ी है. हमारी सरकार आई तो हम तीनों कानून को पूरी तरह से खत्म कर देंगे.
तीन दिन चलेगी ट्रैक्टर रैली
राहुल गांधी रविवार दोपहर मोगा पहुंचकर आज से शुरू हो रही तीन दिवसीय ट्रैक्टर रैलियों का नेतृत्व कर रहे हैं. राहुल गांधी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, कांग्रेस महासचिव एवं पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, राज्य के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल और अन्य नेता भी रैली में शामिल हो रहे हैं.
राज्य के पूर्व मंत्री और विधायक नवजोत सिंह सिद्धू भी मोगा में हैं, जो पिछले कुछ समय से कांग्रेस की सभी गतविधियों से दूरी बनाकर चल रहे थे.
50 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करेगी रैली
‘खेती बचाओ यात्रा’ के नाम से निकाली जा रही ट्रैक्टर रैलियां करीब 50 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करेगी और विभिन्न जिलों तथा निर्वाचन क्षेत्रों से गुजरेंगी.
उल्लेखनीय है कि नये कृषि कानूनों का पंजाब के किसान विरोध कर रहे हैं. किसानों को आशंका है कि केंद्र द्वारा किए जा रहे कृषि सुधार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को समाप्त करने का रास्ता साफ होगा और वे बड़ी कंपनियों की ‘दया’ पर आश्रित रह जाएंगे. हालांकि, सरकार का कहना है कि एमएसपी प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
गौरतलब है कि संसद ने हाल में तीन विधेयकों- ‘कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक-2020’, ‘किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन’ अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक 2020 और ‘आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक-2020’ को पारित किया.