एमपी कांग्रेस का मौन धरना 5 अक्टूबर को, गांधी प्रतिमा और अंबेडकर प्रतिमा के समक्ष करेंगे धरना

यूपी के हाथरस की घटना हो या मध्यप्रदेश के खरगोन, सतना, जबलपुर व नरसिंहपुर की घटना हो, आज बहन- बेटियाँ सबसे ज़्यादा असुरक्षित, देश में कानून व्यवस्था चौपट।
भोपाल। यूपी के हाथरस और एमपी के नरसिंहपुर सहित विभिन्न हिस्सों में गैंगरेप और बीजेपी सरकारों में बढ़ते अपराधों को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस धरना देगी। कांग्रेस कार्यकर्ता सभी जिला मुख्यालयों पर 5 अक्टूबर सोमवार को गांधी प्रतिमा और बाबा साहेब आम्बेडकर की प्रतिमा के समक्ष मौन धरना देंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि एक तरफ़ बीजेपी बढ़ चढ़ कर बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, दूसरी तरफ बीजेपी शासित राज्यों में ही आज बेटियाँ सबसे ज़्यादा असुरक्षित है। यूपी के हाथरस की घटना हो या मध्यप्रदेश के खरगोन, सतना, जबलपुर व नरसिंहपुर की घटना हो, आज बहन- बेटियाँ सबसे ज़्यादा असुरक्षित है।देश में, प्रदेश में क़ानून व्यवस्था की स्थिति चौपट हो चुकी है। आज हमारी बहन- बेटियां ना घर ना बाहर, ना दिन ना रात कही भी, कभी भी सुरक्षित नहीं है।
नाथ ने कहा कि बड़ी शर्म आती है, जब वो ज़िम्मेदार जो विपक्ष में छोटी सी घटना पर ख़ूब धरने देते थे, ख़ूब भाषण देते थे, मासूम बच्चियों को धरने पर साथ में बैठाकर ख़ूब विरोध प्रदर्शन करते थे, आज वो ग़ायब है, मौन है? बहन- बेटियों की सुरक्षा को लेकर कोई कदम नहीं उठाये जा रहे है। पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिल रहा है, उनकी थानों में सुनवाई तक नहीं हो रही है, उनकी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की जा रही है, उल्टा उन्हें ही प्रताड़ित किया जा रहा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि शिवराज सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद हो चले हैं। इन घटनाओं के विरोध में, हमारी बहन- बेटियों की सुरक्षा की मांग को लेकर, उन्हें न्याय दिलाने की मांग को लेकर, नींद में सोई शिवराज सरकार व योगी सरकार को जगाने की माँग को लेकर कांग्रेसजन पूरे मध्यप्रदेश में, सभी ज़िला मुख्यालयों पर 5 अक्टूबर, सोमवार को गांधी प्रतिमा व बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष मौन धरना देंगे।
ग़ौरतलब है कि मध्य प्रदेश में भी हाथरस जैसा ही गैंगरेप हुआ है और यहां भी पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर सुनवाई नहीं की है। घटना प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में चिचली थाना क्षेत्र की है। 32 वर्षीय इस महिला के साथ चार दिन पहले तीन लोगों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया था। गैंगरेप के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। परेशान होकर पीड़िता ने खुदकुशी कर ली। 28 सितंबर को नरसिंहपुर के रीछई गांव में रहने वाली दलित महिला खेत में घास काटने गई थी जब पड़ोस में रहने वाले तीन आरोपियों ने वहीं पर उसके साथ गैंगरेप किया। परिजनों का आरोप है कि वे शिकायत लेकर गोटीटोरिया चौकी और चीचली थाने गए थे लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की।
पीड़ित महिला के परिजनों का आरोप है कि थाने में पुलिस ने उन्हें मेडिकल जांच के लिए कहा। अगले दिन जब पीड़िता और मेडिकल रिपोर्ट के साथ वे थाने पहुंचे तो पुलिस ने परिजनों को ही थाने में बैठा लिया। पीड़िता के साथ दुर्व्यवहार कर किया परिजनों को छोड़ने के बदले पैसे मांगे। पीड़िता के पति और ससुर का कहना है कि पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 151 लगा दी। उन्हें रात 9 बजे तक थाने में रोककर रखा और पैसे लेने के बाद ही घर जाने दिया। चार दिन तक पुलिस वाले पीड़िता और परिजनों को भटकाते रहे और अंत में उसने अपनी जान दे दी।