जिससे दो चुनाव हारे उसी प्रद्युम्न सिंह तोमर के लिए वोट मांग रहे हैं बीजेपी नेता जयभान सिंह पवैया

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पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया और ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने लंबे समय तक किया रंक दूसरे का कड़ा विरोध, अब साथ आने की मजबूरी।

ग्वालियर। कहा जाता है कि राजनीति में सब कुछ जायज है। यहां कोई किसी का सगा नहीं और कोई किसी का स्थाई दुश्मन नहीं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला ग्वालियर में जहां कुछ समय पहले तक राजनीतिक दुश्मन कहे जाने वाले जयभान सिंह पवैया और प्रद्युम्न सिंह तोमर आज एक साथ नज़र आ रहे हैं। जहां पवैया ने शुक्रवार को ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर के लिए चुनाव प्रचार किया। गौरतलब है कि दोनों नेताओं का 3 बार चुनावी मैदान में आमना सामना हो चुका है। साल 2008 और 2018 में पवैया विधानसभा चुनाव हारे थे जबकि 2013 प्रद्युम्न सिंह तोमर हार गए थे। 

शुक्रवार को पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने अपने समर्थकों के साथ ग्वालियर विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी व कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के समर्थन में किला गेट से हजीरा चौराहा तक जनसंपर्क किया। इस अभियान में पवैया और प्रधुम्न सिंह पहली बार साथ नजर आए। दोनों को एक साथ देख लोग हैरान रह गए। ग्वालियर विधान सभा सीट पर ऐसा नजारा पहली बार देखा गया जब दोनों धुर विरोधी नेता साथ आए हों।  

ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ गए 22 विधायकों के बीजेपी जॉइन करने के बाद ऐसी स्थितियां बनी है। प्रद्युम्न सिंह तोमर ज्योतिराधित्य सिंधिया के खास सिपहसालार माने जाते है। वहीं  पवैया सिंधिया के कट्टर विरोधी कहलाते थे। प्रद्युम्न सिंह तोमर ने हमेशा माधवराव से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनावों में पवैया के खिलाफ प्रचार किया था। यही वजह है कि प्रद्युम्न से पवैया की राजनीतिक अदावत चली आ रही थी लेकिन अब दोनों एक ही पार्टी में हैं। जानकार मानते है कि पवैया प्रद्युम्न के दल तो मिल गए है, लेकिन दिल मिलना आसान नहीं है।

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