जयस को देशद्रोही बताने पर बीजेपी मंत्री उषा ठाकुर को नोटिस

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आदिवासी क्षेत्रों में जगह जगह प्रदर्शन और ज्ञापन, मंत्री उषा ठाकुर ने माफी मांगी मगर कहा राष्ट्रविरोधी लोगों से सतर्क रहना जरुरी

भोपाल। जय युवा आदिवासी संगठन (जयस) को देशद्रोही बताए जाने पर संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के खिलाफ संगठन लामबंद हो गया है। मंत्री ठाकुर के बयान से नाराज आदिवासी युवाओं ने सोमवार को 40 से अधिक स्थानों पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया और मांग रखी कि मंत्री ठाकुर बयान पर माफी मांगे। संगठन में अधिवक्ता अभिनव धनौतकर के माध्यम से चुनाव आयोग, विधान सभा अध्यक्ष को नोटिस भेजकर मंत्री उषा ठाकुर की  विधायकी निरस्त किए जाने की मांग की है।

हिंदुवादी मंत्री नेता और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने एक कार्यक्रम में कहा था कि जयस जैसे देशद्रोही संगठन न जाने कैसे पनप जाते हैं। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को शपथ भी दिला दी थी कि वे ऐसे देशद्रोही संगठनों को नहीं पनपने देंगे।

मंत्री के बयान के बाद जयस ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। विधानसभा के एक दिन के सत्र के बाद नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ के साथ कांग्रेस विधायकों ने गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना दिया था। जयस ने कहा था कि अगर तीन दिन में मंत्री ने माफी नहीं मांगी तो सरकार के खिलाफ न केवल आंदोलन किया जाएगा बल्कि एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

जयस

चुनाव आयोग, विधान सभा अध्यक्ष को भेजे गए नोटिस में अधिवक्ता अभिनव धनौतकर ने कहा है कि जयस पिछड़े और वंचित आदिवासी समाज की भलाई और विकास के लिए कार्य कर रहा है। यह आदिवासी युवाओं की उन्नति का प्रयास कर रहा है। इस संगठन को देशद्रोही कहने पर मंत्री उषा ठाकुर की विधायकी निरस्त की जानी चाहिए। 

आदिवासियों के सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई हमेशा लड़ेंगे: डॉ हिरालाल अलावा

मंत्री उषा ठाकुर के बयान पर आक्रोश के बीच आदिवासी विधायक और जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. हिरालाल अलावा भी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ के साथ गांधी प्रतिमा के समक्ष दिए गए धरने में शामिल हुए। उन्होंने कहा है कि आदिवासियों के सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई हमेशा लड़ी है और आगे भी लड़ेंगे।

मंत्री ठाकुर ने माफी मांगी मगर कहा राष्ट्रविरोधी लोगों से सतर्क रहना जरुरी 

आदिवासी संगठन जयस को लेकर अपनी टिप्पणी से हुए विवाद के बाद मंत्री उषा ठाकुर ने सफाई दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मंत्री उषा ठाकुर ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मेरी भावनाओं से मेरे शब्दों से कोई आहत हुआ हो तो मैं क्षमा चाहती हूं। हालांकि उन्होंने माफी के दौरान ये भी कहा कि आदिवासियों के बीच में कुछ राष्ट्रविरोधी लोग और संगठन काम कर रहे हैं उनसे सतर्क रहना ज़रूरी है।

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