संविदा कर्मचारियों को भी मिले निजी अस्पतालों में फ्री इलाज, सौंपा ज्ञापन

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संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ ने कहा स्वास्थ्य विभाग कर रहा है भेदभाव।

भोपाल। स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी कर्मचारियों के फ्री कोरोना इलाज का फैसला लिया है। लेकिन इस फैसले में संविदा कर्मचारी अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया है। इस भेदभाव का विरोध करते हुए संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी को ज्ञापन सौंपा। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने चेतावनी दी है कि यदि स्वास्थ्य विभाग ने इस आदेश में संविदा कर्मचारियों को नहीं जोड़ा तो वे प्रदेश व्यापी आंदोलन करेंगे।

मध्यप्रदेश शासन स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से 11 सितंबर को एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यदि किसी सरकारी कर्मचारियों को कोविड 19 संक्रमण हो जाता है, तो शासकीय कर्मचारी किसी भी निजी अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं। उनके इलाज का भुगतान शासकीय विभाग द्वारा किया जाएगा। शासकीय कर्मचारियों भर्ती के लिए सरकार ने 101 निजी अस्पताल अधिकृत किये हैं।

संविदा कर्मचारियों को भी मिले निजी अस्पतालों में फ्री इलाज

संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के इस आदेश में सरकारी कर्मचारियों का जिक्र है। लेकिन संविदा कर्मचारियों जो कि नियमित कर्मचारियों के समान काम कर रहे हैं, सरकार के आदेशों का पालन करते हुये कोविड 19 में ड्यूटी दे रहे हैं, उनका जिक्र नहीं हैं। संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने चेतावनी दी है कि यदि स्वास्थ्य विभाग ने इस आदेश में संविदा कर्मचारियों को नहीं जोड़ा तो वे प्रदेश व्यापी आंदोलन करेंगे।  

संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रतिनिधि मंडल स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन सौंपकर सरकार के इस भेदभाव पूर्ण आदेश पर विरोध जताया। संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ का आरोप है कि यह आदेश भेदभाव पूर्ण है यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13 -14 का उल्लंघन है। संविदा महासंघ ने स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि कोरोना काल में अपनी जान पर खेलकर संविदा कर्मचारी ड्यूटी कर रहे हैं। ऐसे में उनके साथ भेदभाव नहीं किया जाये।  

गौरतलब है कि प्रदेश के डेढ़ लाख संविदा कर्मचारी अधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग के 24 हजार संविदा कर्मचारी, स्टाफ नर्स, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पैरामेडिकल स्टाफ, सपोर्ट स्टाफ को सरकार के इस फैसेले का फायदा नहीं मिलेगा। जबकि ये संविदा स्वास्थ्यकर्मी दिन रात 24 घंटे करोना वॉरियर की ड्यूटी कर रहे हैं।

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