केंद्र सरकार को दिखाया आईना, कोरोना से मृत 382 डॉक्टरों की लिस्ट जारी

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केंद्र सरकार को नहीं पता कोरोना से कितने डॉक्टरों की गई जान, नाराज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने जारी की सूची

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ फ्रंटलाइन पर काम कर रहे जिन डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वारियर्स का तमगा दिया गया केंद्र सरकार के पास उनसे जुड़े आकंड़े भी नहीं हैं। केंद्र सरकार ने बताया है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज करने में कितने डॉक्टरों ने अपनी जिंदगी कुर्बान की इस बात की भी जानकारी नहीं है। इस बात को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गहरी नाराजगी जताई है और 382 डॉक्टरों की लिस्ट जारी की है जिन्होंने कोरोना से अपनी जानें गंवाई है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा, ‘अगर केंद्र सरकार कोरोना संक्रमित होने वाले डॉक्टर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स का डेटा नहीं रखती और यह जानकारी नहीं रखती की उनमें से कितने लोगों ने इस वैश्विक महामारी के दौरान लोगों का इलाज करते हुए अपनी जान कुर्बान को तो वह महामारी एक्ट 1897 और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू करने का नैतिक अधिकार खो देती है।’

एसोसिएशन ने आगे कहा है कि, ‘इससे इस पाखंड का भी पर्दाफाश होता है कि एक तरफ इन्हें कोरोना वारियर्स कहा जाता है और दूसरी तरफ इनके व इनके परिवार को शहीद का दर्जा और फायदा देने से मना कर दिया जाता है। बॉर्डर पर लड़ने वाले सैनिक अपनी जान खतरे में डालकर दुश्मनों से लड़ाई करते हैं और सीने पर गोली खाते हैं लेकिन कोई भी गोली को अपने घर नहीं लाता है। लेकिन डॉक्टर्स और हेल्थ केअर वर्कर्स राष्ट्रीय कर्तव्यों का पालन करते हुए न सिर्फ खुद संक्रमित होते हैं बल्कि अपने घर लाकर परिवार और बच्चों को देते हैं।

एसोसिएशन ने केंद्र सरकार पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, ‘केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि पब्लिक हेल्थ और हॉस्पिटल राज्यों के अंतर्गत आते हैं इसलिए इंश्योरेंस मुआवजा का डेटा केंद्र सरकार के पास नहीं है। यह कर्तव्य का त्याग और राष्ट्रीय नायकों का अपमान है जो अपने लोगों के साथ खड़े रहे।’ आईएमए का दावा है कि भारत की तरह किसी भी अन्य राष्ट्र ने इतने बड़े पैमाने पर डॉक्टरों और हेल्थकेअर वर्करों को नहीं खोया है।

एसोसिएशन ने 382 डॉक्टरों की लिस्ट जारी की है जिन्होंने कोरोना संक्रमितों का इलाज करते हुए अपनी जानें गंवाई है। साथ ही आईएमए का मांग है कि सभी को शहीद का दर्जा दी जाए और उनके आश्रितों को उचित मुआवजा का लाभ मिल सके।

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