केंद्र की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा – मध्यप्रदेश में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट की पैठ!

0

मध्य प्रदेश में ईरान और सीरिया स्थित सुननी जिहादियों का संगठन इस्लामिक स्टेट आईएस की पैठ है. एमपी के साथ देश के 12 राज्यों में आईएस सबसे ज्यादा सक्रिय है.

भोपाल. मध्य प्रदेश में ईरान और सीरिया स्थित सुननी जिहादियों का संगठन इस्लामिक स्टेट आईएस की पैठ है. प्रदेश के साथ देश के 12 राज्यों में आईएस सबसे ज्यादा सक्रिय है. यह केंद्र सरकार की उस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है, जिसकी जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बीते बुधवार को राज्यसभा में बीजेपी नेता विनय पी सहस्त्रबुद्धे के सवाल के जवाब में दी. मध्य प्रदेश में भी कुछ साल पहले इस संगठन से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया था. राजधानी भोपाल में भी इस संगठन के कई लोगों को पकड़ा गया था.

देशभर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले और आतंक फैलाने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन इस्लामिक स्टेट कुछ सालों में देश के 12 राज्यों में अपनी पैठ जमा चुका है. यह संगठन मध्य प्रदेश के साथ केरल कर्नाटक आंध्र प्रदेश तेलंगाना महाराष्ट्र तमिलनाडु पश्चिम बंगाल राजस्थान बिहार उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा सक्रिय है. यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बीते बुधवार को राज्यसभा में बीजेपी नेता विनय पी सहस्त्रबुद्धे के सवाल के जवाब में दी.

दक्षिण राज्यों में दर्ज हुए हैं केस

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी के जवाब के अनुसार एनआईए की जांच में आईएस के कई मामलों को पता चला है. एजेंसी ने दक्षिणी राज्यों तेलंगाना केरल आंध्र प्रदेश कर्नाटक और तमिलनाडु में आईएस की मौजूदगी के संबंध में 17 मामले दर्ज किए और 122 लोगों को गिरफ्तार किया. उन्होंने यह भी बताया कि इस्लामिक स्टेट, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया, दाएश, इस्लामिक स्टेट इन खोरासान प्रॉविन्स (आईएसकेपी), आईएसआईएस विलायत खोरासान, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और शाम-खोरासान को केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून, 1967 के तहत प्रथम अनुसूची में शामिल कर उन्हें आतंकी संगठन घोषित किया है.

आईएस का एमपी कनेक्शन

मध्य प्रदेश के कई जिलों में आई एस के एजेंट और उनसे जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. भोपाल में भी इस संगठन का कनेक्शन सामने आया था. इस मामले में भी एनआईए ने भी गिरफ्तारियां की थीं. अपनी विचारधारा को फैलाने के लिए आईएस इंटरनेट आधारित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल कर रहा है. इसे देखते हुए संबद्ध एजेंसियां साइबर स्पेस की सतत निगरानी कर रही हैं और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाती है. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार के पास सूचना है कि इन लोगों को वित्त कैसे मुहैया कराया जा रहा है और अपनी आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के लिए उन्हें विदेशों से कैसे मदद मिल रही है.

Leave a Reply