राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामित

0

यूएई और इजरायल के बीच ऐतिहासिक समझौता कराने के लिए मिला ट्रंप को नामांकन, कश्मीर मुद्दे के हल को लेकर ट्रंप की महत्वपूर्ण भूमिका का भी जिक्र

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार के लिए एक बार फिर से नामांकित किया गया है। ट्रंप को यह नामांकन ऐतिहासिक यूएई और इजरायल समझौते के लिए मिला है। अमेरिकी मीडिया संस्थान फॉक्स न्यूज के अनुसार नॉर्वे के सांसद क्रिस्चियन त्यबरिंग ने यह नामांकन किया है। त्यबरिंग दक्षिणपंथी पॉपुलिस्ट पार्टी से वास्ता रखते हैं। साथ ही साथ वे नाटो संसदीय सभा के भी सदस्य हैं।

त्यबरिंग ने टिप्पणी की है कि “ट्रंप की मेधा की अगर बात करूं तो मुझे लगता है उन्होंने बाकी किसी भी उम्मीदवार के मुकाबले दुनिया में शांति स्थापित करने के लिए अधिक प्रयास किए हैं।”

नोबल समिति को भेजे गए अपने पत्र में त्यबरिंग ने कहा कि यूएई और इजरायल के बीच हुए समझौते में ट्रंप ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी कहा कि आशा है कि मध्य पूर्व एशिया के दूसरे देश भी यूएई के रास्ते पर चलेंगे और यह कदम इस क्षेत्र की प्रगति के नए रास्ते खोलेगा।

पत्र में यह भी दावा किया गया है कि ट्रंप ने भारत पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद और उत्तर एवं दक्षिण कोरिया के बीच तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। त्यबरिंग ने मध्य पूर्व एशिया से अमेरिकी सैनिकों को हटाने के लिए ट्रंप की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले 39 साल से चली आ रही परंपरा को तोड़ा है और दुनिया को बेवजह के संघर्षों से बचाया है। उन्होंने कहा कि आखिरी बार पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर ने सैनिकों को वापस बुलाया था एयर उन्हें शांति के नोबल पुरस्कार से नवाजा गया था।

त्यबरिंग ने इससे पहले 2018 में भी ट्रंप को इस पुरस्कार के लिए नामित किया था। यह नामांकन ट्रंप की उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन से मुलाकात के लिए किया गया था। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भी ट्रंप को नामित किया था। हालांकि, ट्रंप तब यह पुरस्कार जीत नहीं पाए थे। कई मौकों पर उनका यह दर्द भी छलका है।

अब तक चार पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों को शांति के नोबल पुरस्कार से नवाजा चुका है। उनके नाम थियोडोर रूजवेल्ट, वुडरो विल्सन, जिम्मी कार्टर और बराक ओबामा हैं। नोबल पुरस्कार का निर्धारण एक पांच सदस्यीय समिति करती है, जिसकी नियुक्ति नॉर्वे की संसद द्वारा की जाती है।

Leave a Reply