उपचुनावः भाजपा की कर्नाटक की तर्ज पर चुनावी रणनीति

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भाजपा में असंतोष को थामने मैदान में आए बीएल संतोष

भितरघात-असंतोष सबसे बड़ी चुनौती

उपचुनाव के पहले बड़ी संख्या कांग्रेस भाजपा में आए हैं। वहीं, ज्यौतिरादित्य सिंधिया और 22 विधायकों के भाजपा में आने के बाद हन्हीं 22 लोगों को प्रत्याशी बनना है। इस कारण भाजपा संगठन में भारी असंतोष है। पिछली बार चुनाव हारे विधायक बेहद नाराज हैं, इसलिए असंतोष और भितरघात को संभालना, इस चुनाव में महत्त्वपूर्ण है। संतोष इसी को लेकर रणनीति बनाएंगे। संतोष को पर्दे के पीछे इसी प्रकार के प्रबंधन में माहिर माना जाता है। कर्नाटक में भी उनकी यही भूमिका रही थी।

सीएम का दौरा रद्द

उपचुनाव के कारण अब वह पहली बार मध्य प्रदेश आ रहे हैं। यहां पर संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ युवा मोर्चा, महिला मोर्चा सहित उपचुनाव वाली सीटों के प्रभारियों से भी बैठक करेंगे। इसमें सबसे हम अब तक की चुनावी की तैयारियों को देखना और आगे की रणनीति बनाना रहेगा। संतोष की बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का 9 सितंबर से शुरू होने चुनावी दोरा रद किया गया है | उनके दौरे का शेड्यूल बाद में नये सिरे से बनेगा।

भाजपा की ओर से के 27 विधानसभा उपचुनाणों पर अब सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की नजरें टिक गई हैं। क्योंकि यह बिहार चुनाव के साथ होने हैं। इसके तहत भाजपा संगठन महामंत्री बीएल संतोष पहली बार बुधबार को प्रदेश आ रहे है। वह मैराथन बैठकें करेंगे।

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