दस साल की मासूम को 12 साल के बच्चे ने पत्थरों से सिर कुचल मार डाला

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  • बालिका सुबह घर से 12 बजे पूजा के लिए फूल तोड़ने का बोलकर निकली थी, तभी उसे बालक मिल गया
  • बच्चा बोला- उसने मेरी चुहिया को मारा, खेल में भी हराती थी।

दस साल बालिका की उसी के साथ रोज खेलने वाले 12 साल के बालक ने पत्थर से सिर कुचलकर नृशंस हत्या कर दी। हत्या के बाद बालक घबराकर एक पानी की टंकी के पास पहुंचा, वहां खून से सने कपड़े व हाथ-पैर धोए, फिर घर आकर सो गया। इधर बालिका के न मिलने पर परिजन ने उसे तलाशा तो घर से 150 मीटर दूर उसका रक्तरंजित शव पत्थरों में दबा मिला।

लसूड़िया थाने के जवानों ने दो घंटे में हत्या की गुत्थी सुलझा दी। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर बालक को बाल संरक्षण गृह भेजा है। अब तक सबसे कम उम्र की हत्या का संभवत: यह पहला मामला है। डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि घटना सोमवार दोपहर 12 बजे लसूड़िया क्षेत्र की आईडीए मल्टी के पास की है। मल्टी में रहने वाली दस साल की वेदिका पिता निर्मल लौवंशी की पड़ोस में रहने वाले 12 वर्षीय बालक ने पत्थर से सिर कुचलकर मार डाला। बालिका सुबह घर से 12 बजे पूजा के लिए फूल तोड़ने का बोलकर निकली थी, तभी उसे बालक मिल गया। दोनों रोज खेलते थे इसलिए किसी को शंका नहीं हुई।

लेकिन घटनास्थल पर ये लड़ाई करते हुए पहुंचे थे। इन्हें लड़ते हुए इलाके की एक महिला व बालिका ने देखा था। जब बालिका के परिजन उसे तलाशने निकले तो वह नहीं मिली। शाम 4 बजे जब मल्टी के पास खाली मैदान के गड्ढे में जाकर पिता व अन्य लोगों ने देखा तो देविका मृत मिली। उसके सिर पर पत्थर के वार थे। मारने के बाद उसके चेहरे के आस-पास दो बड़े पत्थर भी सटाकर रख दिए थे। हत्या का पता चलते ही एएसपी राजेश रघुवंशी व लसूडिया टीम मौके पर पहुंची।

खुफिया के जवान को मिली एक बच्ची तो हुआ खुलासा

जांच टीम के कांस्टेबल धीरेंद्र को एक बच्ची ने बताया कि वेदिका एक बालक के साथ झगड़ते हुए निकली थी। इस पर इलाके के सीसीटीवी कैमरे देखे तो बालक के साथ वह जाती दिखी। बाद में धीरेंद्र ने बच्ची को बालक के फुटेज दिखाए तो पता चला कि वह पड़ोस में ही रहता है, जिसके साथ वह खेलती थी। इस पर घटनास्थल के पास एक बगीचे में पानी की टंकी के पास सुराग मिला कि हत्या के बाद बालक ने यहां आकर खून से सने कपड़े धोए और घर जाकर सो गया। आधे घंटे तक दरवाजा भी नहीं खोला था। इसे भी हत्या में विवाद के बाद कोहनी में चोट आई थी।

मुझे पैर पर पत्थर मारा तो मैंने भी उसे पत्थर मारे

जैसे ही शाम 6 बजे पुलिस को हत्या करने वाले बच्चे की जानकारी मिली तो कांस्टेबल धीरेंद्र उसे घर जाकर बहला फुसला कर लाए। अफसरों ने भी बच्चे से नरमी से पूछताछ की तो उसने कहा कि मेरी सफेद चुहिया (पिंकी) को उसने मार दिया था। बाद में उसे गाड़ दिया। खेल में भी वह मुझे हरा देती थी। फिर कहा- मैं उसे वहां ले गया था। जब चुहिया का पूछा तो वह झगड़ने लगी। उसने मुझे पैर में पत्थर मारा तो मैंने भी उसे पत्थर से मार दिया और भाग आया। बच्चे के पिता ने बताया वह कभी गुस्सा नहीं करता लेकिन कैसे कदम उठाया किसी को समझ नहीं आ रहा।

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