16 साल से फाइलों में राम वन गमन पथ, अब 6 माह में काम शुरू करने की बात

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मध्य प्रदेश में राम वन गमन पथ संभवतः अकेला ऐसा मुद्दा है, जो भाजपा और कांग्रेस के एजेंडे में होकर भी फाइलों में कैद है। भगवान श्रीराम के 14 साल के वनवास से जुड़ा ये पथ 16 साल से पुख्ता पहचान और निर्माण की राह देख रहा है। वर्ष 2004 में ही राज्य की भाजपा सरकार ने इससे जुड़े प्रस्ताव पर चर्चा कर ली थी। अयोध्या में श्रीराम मंदिर की नींव रखे जाने के बाद एक बार फिर चर्चा में आए इस पथ पर छह माह में काम शुरू होने का दावा किया गया है।

मध्य प्रदेश में श्रीराम के प्रवास के दुर्लभ प्रमाण पौराणिक मान्यता है कि हजारों साल पहले वनवास के दौरान भगवान श्रीराम ने सीताजी और लक्ष्मणजी के साथ चित्रकूट से मौजूदा मप्र में प्रवेश किया था और अमरकंटक होते हुए रामेश्वरम्‌ की ओर रवाना हो गए थे। चित्रकूट में श्रीराम के प्रवास के दुर्लभ प्रमाण हैं। सतना, रीवा, पन्नाा, छतरपुर, शहडोल और अनूपपुर के जिले के वन क्षेत्रों से होते हुए श्रीराम निकले थे।

इन जिलों के नाम रामायण, पौराणिक ग्रंथों और विद्वानों के सर्वेक्षण के आधार पर मिले हैं। वर्ष 2007 में पहली बार राम वन गमन पथ बनाने की हुई थी घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2007 में पहली बार इस पथ को बनाने की घोषणा की थी। वर्ष 2008 में संस्कृति विभाग ने 11 विद्वानों की समिति बनाकर ‘राम वन गमन पथ’ योजना पर शोध का काम शुरू किया।

समिति ने अवधेश प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में 2010 में रिपोर्ट सरकार को सौंपी। कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव के वचन पत्र में इसे शामिल किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चित्रकूट लाकर इसे मुद्दा बनाया गया। कमल नाथ सरकार के दौरान थीम पार्क और कार्ययोजना बनी, लेकिन मामला फाइलों से बाहर नहीं निकल पाया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिर इसी 15 अगस्त को चित्रकूट से अमरकंटक तक राम वन गमन पथ बनाने की घोषणा की है।

छह माह में काम शुरू कर देंगेः उषा ठाकुर

अध्यात्म विभाग की मंत्री उषा ठाकुर का कहना है कि राम वन गमन पथ की स्क्रिप्ट तैयार कर ली गई है। छह माह में काम शुरू होगा। केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही राम वन गमन पथ के लिए युद्धस्तर पर काम करेंगे। साढ़े 11 साल प्रभु राम मप्र में रहे हैं। सभी स्थल चिन्हित कर लिए गए हैं।

ब्लू प्रिंट तैयार था, अब तक तो काम शुरू कर देतेः पीसी शर्मा

कमल नाथ सरकार में अध्यात्म मंत्री रहे पीसी शर्मा का कहना है कि राम वन गमन पथ को लेकर कांग्रेस सरकार ने ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया था। चित्रकूट से लेकर अमरकंटक तक पथ और श्रीलंका में मां सीता मंदिर बनाने की कार्ययोजना तैयार थी। कांग्रेस सरकार रहती तो अब तक काम भी शुरू कर दिया जाता। लगभग 2000 करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित कर दिया था।

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