उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने चुनाव आयोग को दिए सुझाव

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भोपाल। मध्यप्रदेश में उपचुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर है। कोरोना काल के दौरान चुनाव कराने को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के संबंध में कांग्रेस ने आयोग को सुझाव दिए हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने गुरुवार (03 सितंबर) को केंद्रीय निर्वाचन आयोग को पत्र के माध्यम से दिशा-निर्देशों में सुधार करने के लिए 20 बिंदुओं में सुझाव दिए हैं।

कांग्रेस ने मांग की है कि कोविड-19 के लिए प्रत्येक जिलों और विधानसभा क्षेत्र में जो नोडल स्वास्थ्य अधिकारी काम करेंगे उनकी नियुक्तियां शासन द्वारा नहीं बल्कि आयोग द्वारा की जानी चाहिए। वहीं पार्टी ने यह भी कहा है कि चुनाव प्रक्रिया से संबंधित मतदान कर्मियों को अक्रमिकरण का समय 24 घंटे का रखा जाना चाहिए क्योंकि इसे बढ़ाकर 72 घंटे किए जाने से चुनाव प्रक्रिया से जुड़े कर्मचारियों की गोपनीयता भंग होने की संभावना रहती है।

सत्ता पक्ष के दबाव में रहती हैं आशा कार्यकर्ता

पत्र में कांग्रेस ने कहा है कि मतदाताओं की थर्मल टेस्टिंग के लिए बूथ पर आशा कार्यकर्ताओं को नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि उनकी सेवाएं अनिश्चितता की स्थिति में होती है। इस कारण वे सत्ता पक्ष के दबाव में रहती हैं और वह निर्वाचन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं। 

स्वयं सेवको की सेवाएं लेना व्यवहारिक नहीं

कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं के संबंध में बीएलओ एवं स्वयं सेवको आदि की सेवाएं लेने को लेकर सवाल खड़े किए है। पार्टी ने कहा है कि स्वयंसेवक की परिभाषा स्पष्ट नहीं है इसलिए यह स्पष्ट किया जाए कि ऐसी स्थिति में स्वयं सेवक का शासकीय कर्मचारी होना आवश्यक है। साथ ही पार्टी ने यह भी मांग किया है कि कोविड-19 दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होने के संबंध में दंडात्मक करवाई का अधिकार राज्य शासन के अधिकारियों के बजाए निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को होना चाहिए। 

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