जेलर का खुला चैलेंज, जिसने फोटो वायरल किए, वीडियो हो तो उसे भी बाहर लाए

- जेलर और आरोपी श्वेता का बात करते फोटो वायरल होने के बाद डीआईजी पांडे जांच के लिए पहुंचे
- अफसर बोले- जेलर को हक है बात करने का, लेकिन फोटो क्यों और कैसे वायरल हुआ, ये जांच करेंगे
- हनीट्रैप मामले में निगम इंजीनियर ने 17 सितंबर 2019 को पलासिया थाने में दर्ज करवाया था केस
जिला जेल के जेलर केके कुलश्रेष्ठ और हनी ट्रैप की आरोपी श्वेता विजय जैन के बीच बातचीत का एक फोटो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। भोपाल मुख्यालय ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जिसके बाद डीआईजी संजय पांडे जांच के लिए गुरुवार सुबह जेल पहुंचे। वहीं मामले में फोटो वायरल करने वाले को जेलर ने खुली चेतावनी देते हुए कहा कि यह सोची समझी साजिश के तहत वायरल किया है। मैं चेतावनी देना चाहता हूं कि आपके पास यदि वीडियो हो तो उसे भी वायरल करिए। आपको जो करना है करिए। इससे कम से कम जो सच है वह सामने आएगा। वहीं, कोरोना के कारण 44 कैदियों को असरावद खुर्द स्थित अस्थाई जेल में शिफ्ट किया गया।
जेलर ने हनी ट्रैप के फोटो वायरल करने की बात पर कहा कि जेल में 85 से 90 बंदिनी हैं। इसमें से 60 से 70 बंदिनी ऐसी होती ही हैं कि जो किसी ना किसी काम से निवेदन करने आती रहती हैं। जिसने भी साजिश के तहत फोटो लिए हैं। उसने मामले को हाईलाइट करने के उद्देश्य से इसी का फोटो क्लिक किया। जिसने भी वीडियो बनाया उसने अवैध काम किया है। उसने वीडियो बनाकर मीडिया तक पहुंचाया।
श्वेता से मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, टेलीफोनिक मुलाकात, आवेदन भेजने जैसे कई मुद्दों पर बात की है। आवास को बदलने को लेकर भी बात कर चुकी है। श्वेता उस दिन क्या बात कर रही थी, यह मुझे याद नहीं है। यह एक महीने-दो महीने पुराना भी हो सकता है। यह कोरोना काल का ही फोटो है। वीडियो बनाने वाला ही बता सकता है श्वेता का ही वीडियो क्यों बनाया। यदि यह किसी अन्य महिला के साथ का फोटो होता तो इतना हाईलाइट नहीं होता। यह मेरी छवि खराब करने के लिए पूरा षड़यंत्र रचा गया है।
वहीं, डीआईजी पांडे ने कहा कि फोटो श्वेता विजय जैन का ही है। शिकायत की जांच चल रही है। जेल में अधिकारियों के बीच मतभेद को लेकर कहा कि ऐसी कोई जानकारी तो नहीं आई है। लेकिन इतने बड़े स्टाफ में मनमुटाव आम बात है। इस फोटो के पीछे भी कोई विवाद सामने नहीं आया है। एक सप्ताह में जांच कर ली जाएगी कि आखिर किसने यह काम किया है। दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

फोटो 100 फीसदी महिला वार्ड की
डीआईजी ने कहा कि फोटो 100 फीसदी महिला वार्ड का है। महिला वार्ड के गेट के सामने तीन बैरक हैं। बरामदे में यह फोटो खींचा गया है। बैरक के सामने ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम है। इसी कक्ष के सामने महिला वार्ड प्रभारी की टेबल कुर्सी है। इसी कुर्सी में जेलर बैठकर महिला बंदी की समस्या सुन रहे थे। क्लीन चिट देने को लेकर कहा मामले में जांच की जा रही है। केंद्रीय जेल अधीक्षक मामले की जांच कर रहे हैं। जांच में यह पता करना है कि फोटो दिनांक वाले दिन कितने लोग थे। यह तलाशी रुटीन प्रक्रिया का हिस्सा है। तलाशी की कार्रवाई कोरोना के कारण कमजोर हुई है।