सुप्रीम कोर्ट में आज लोन ईएमआई नहीं चुकाने की मोहलत बढ़ाने पर होगी सुनवाई

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कोरोना के इस संकट में आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए आरबीआई की तरफ से दिए गए लोन मोरेटोरियम को आगे बढ़ाने और ब्याज में छूट देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज भी सुनवाई होगी।

मुंबई. सुप्रीम कोर्ट आज लोन ईएमआई नहीं चुकाने की मोहलत को बढ़ाने पर सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ताओं की मांग है कि लोन मोरटोरियम के दौरान उन्हें EMI ना चुकाने की जो छूट दी गई थी उस पर ब्याज ना वसूला जाए। साथ ही, लोन मोरटोरियम को 31 दिसंबर तक बढ़ाया जाए। इससे पहले 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि इकोनॉमी को पटरी पर लाने के कुछ विकल्प हैं। इसमें से एक ये है कि इंटरेस्ट माफ कर दिया जाए. दूसरा ये है कि कोई बड़ा कदम उठाया जाए ताकि लोन के रीपेमेंट का बोझ कम हो सके।

क्या है मामला- 

अब जब मोरेटोरियम के 6 महीने पूरे हो चुके हैं, तो ग्राहक कह रहे हैं कि इसे और बढ़ाना चाहिए। इससे भी अहम मांग ये है कि मोरेटोरियम पीरियड का ब्याज भी माफ होना चाहिए. क्योंकि, ब्याज पर ब्याज वसूलना तो एक तरह से दोहरी मार होगी। इसकी वजह ये है कि आरबीआई ने सिर्फ ईएमआई टालने की छूट दी थी, लेकिन बकाया किश्तों पर लगने वाला ब्याज तो चुकाना पड़ेगा।

दो साल के लिए बढ़ सकता है मोरेटोरियम पीरियड –

इससे पहले मंगलवार को सरकार ने कहा था कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए मोरेटोरियम पीरियड 2 साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। सरकार का यह जवाब इसलिए आया, क्योंकि 26 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि इस मामले में 7 दिन में स्थिति साफ की जाए। कोर्ट ने कमेंट किया था कि सरकार आरबीआई के फैसले की आड़ ले रही है, जबकि उसके पास खुद फैसला लेने का अधिकार है।

बुधवार को कोर्ट में क्या हुआ- 

ग्राहकों के एक ग्रुप और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के महाराष्ट्र चैप्टर की तरफ से सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा, मोरेटोरियम नहीं बढ़ा, तो कई लोग लोन पेमेंट में डिफॉल्ट करेंगे। इस मामले में एक्सपर्ट कमेटी को सेक्टर वाइज प्लान तैयार करना चाहिए।

रिएल एस्टेट डेवलपर्स के संगठन क्रेडाई की ओर से वकील ए सुंदरम ने दलील रखी, “मोरेटोरियम में ग्राहकों से ब्याज वसूलना गलत है। इससे आने वाले समय में नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) बढ़ सकते हैं।

शॉपिंग सेंटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से वकील रणजीत कुमार ने कहा, “कोरोना की वजह से लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। उन्हें राहत देने के उपाय किए जाने चाहिए। आरबीआई सिर्फ बैंकों के प्रवक्ता की तरह बात नहीं कर सकता। हमारी स्थिति वाकई खराब है. थिएटर, बार और फूड कोर्ट बंद हैं। हम कैसे कमाएंगे और कर्मचारियों को सैलरी कैसे देंगे? कोर्ट से अपील करते हैं कि सेक्टर वाइज राहत देने पर विचार होना चाहिए।”

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