देश की जीडीपी की ग्रोथ रेट में -23.9 प्रतिशत की गिरावट

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  • देश की अर्थव्यवस्था में 40 साल में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट आई है।
  • जनवरी-मार्च तिमाही में देश की जीडीपी 3.1 फीसदी की दर से बढ़ी थी।

कोरोना के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश की आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी की ग्रोथ रेट में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। इससे पहले वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च के दौरान ग्रोथ रेट 3.1 प्रतिशत थी। जीडीपी में शामिल किए गए कुल 8 सेक्टर्स में से केवल एग्रीकल्चर ही एकमात्र ऐसा सेक्टर रहा है, जिसमें बढ़त देखी गई है। बाकी के सात सेक्टर्स में भारी गिरावट रही है। सोमवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से यह आंकड़ा जारी किया गया।

अनुमानों से ज्यादा गिरावट दर्ज की गई

हालांकि जीडीपी की ग्रोथ रेट में गिरावट तमाम अनुमानों से ज्यादा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक सर्वेक्षण में कहा गया था कि जून तिमाही में देश की जीडीपी में 21.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है। इसी तरह घरेलू रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स ने इस दौरान जीडीपी में 20 फीसदी और एसबीआई के ईकोरैप ने 16.5 फीसदी गिरावट की आशंका जताई थी।

GDP contracts by 23.9%: India second-worst performer after US among major  global economies - Business News
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लॉकडाउन के बाद यह पहली तिमाही

लॉकडाउन के बाद जीडीपी को पहली बार जारी किया गया है। अप्रैल से जून के बीच पूरी तरह से देश में लॉकडाउन था। इससे आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई थीं। इसलिए जून तिमाही के जीडीपी के आंकड़े से आगे की ग्रोथ रेट का पता चल सकेगा। हालांकि, अब देश में अनलॉक है और आर्थिक गतिविधियां शर्तों के साथ शुरू हो गई हैं। ऐसे में आने वाली तिमाही में जीडीपी में सुधार की उम्मीद है।

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