नई शिक्षा नीति न केवल छात्रों के लिए मानसिक बोझ, स्कूल संचालकों ने सौंपा ज्ञापन

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शिक्षक संघ ने नई शिक्षा व्यवस्था को एक साल के लिए स्थगित करने केंद्रीय मंत्री व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा।

मुरैना: नई शिक्षा नीति न केवल छात्रों के लिए मानसिक बोझ है, बल्कि यह व्यवहारिक नहीं है। क्योंकि नई व्यवस्था के तहत छात्रों पर एंड्राइड मोबाइल होना आवश्यक है, दूसरी तरफ देश का कानून 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सिम प्रदान करने की अनुमति नहीं देता। इसलिए नई शिक्षा नीति को एक साल तक स्थगित किया जाए।

यह मांग अशासकीय विद्यालय संचालक एवं शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने रविवार को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व भजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को ज्ञापन सौंपकर की है। इसके बाद शिक्षकों ने कैबिनेट मंत्री एदल सिंह कंषाना एवं कृषि राज्य मंत्री गिर्राज डंडोतियों को अलग-अलग ज्ञापन सौंपे। ज्ञापन सौंपने के बाद संगठन के जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा ने बताया कि वर्तमान में देश व प्रदेश के लोग कोविड-19 जैसी महामारी से जूझ रहे हैं।

ऐसी विपरीत परिस्थिति में अव्यवहारिक शिक्षा योजना को शिक्षकों व छात्रों पर थोपना घोर अन्याय है। क्योंकि प्रदेश में कई स्कूल ऐसे हैं जहां नेटवर्क नहीं मिलने से इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध नही हैं। नई शिक्षा व्यवस्था में छात्र को हर 15 दिन में होम असेसमेंट करना है। शिक्षकों को उनकी कॉपियों को चैक कर उनके नंबर एप पर लोड लोड करने हैं। यदि इस व्यवस्था में शिक्षक अपने कार्य को किसी कारणवश समय सीमा में नहीं कर पाया तो वह छात्र अनुत्तीर्ण घोषित हो जाएगा और शिक्षक अयोग्य कर दिया जाएगा तथा स्कूल की मान्यता समाप्त कर दी जाएगी। ज्ञापन सौंपने वालों में मोहन बंसल, भारत सक्सैना आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

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