भोपाल में कल से फिर बारिश के आसार, सिस्टम हुआ स्ट्रांग

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  • मानसून की विदाई में 25 दिन बाकी, दाे-तीन सिस्टम और करा सकते हैं बारिश
  • माैसम वैज्ञानिक बोले- भोपाल में 7 मानसूनी सिस्टम के कारण बारिश होती है

बंगाल की खाड़ी में साेमवार काे बना कम दबाव का क्षेत्र ‘वेल मार्क लाे’ यानी अति कम दबाव के क्षेत्र के रूप में और स्ट्रॉन्ग हाे गया है। इसके असर से गुरुवार काे जबलपुर, सागर, रीवा, शहडाेल संभागाें समेत पूर्वी मप्र में कहीं-कहीं भारी बारिश हाे सकती है। इस बारे में माैसम केंद्र ने बुधवार काे चेतावनी दी है।

माैसम वैज्ञानिक एवं ड्यूटी ऑफिसर पीके साहा ने बताया कि अनुमान के मुताबिक यह पश्चिम, उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ेगा। यदि यह सिस्टम सागर-दमाेह तरफ आया ताे 28-29 अगस्त काे भाेपाल में तेज बारिश हाे सकती है। भोपाल में अब तक 38 इंच बारिश हो चुकी है। सीजन का कोटा 43.64 इंच है। यानी अभी 5.64 इंच बारिश की और जरूरत है।

मानसून की विदाई में 25 दिन बाकी, दाे-तीन सिस्टम और करा सकते हैं बारिश

बुधवार को कभी बादल तो कभी धूप छाई रही। 28 और 29 अगस्त को भोपाल में बारिश हो सकती है। क्योंकि बंगाल की खाड़ी में साेमवार काे बना कम दबाव का क्षेत्र वेल मार्क लाे यानी अति कम दबाव के क्षेत्र के रूप में और स्ट्रांग हाे गया है। माैसम वैज्ञानिकाें का कहना है कि इनकी फ्रिक्वेंसी अच्छी है।

अभी मानसून की विदाई में 25 दिन बाकी हैं, ऐसे में दाे-तीन सिस्टम और बन सकते हैं। जो भोपाल समेत पूरे प्रदेश में बारिश करा सकते हैं। वरिष्ठ माैसम वैज्ञानिक एके शुक्ला व पीके साहा के मुताबिक भोपाल में 7 मानसूनी सिस्टम के कारण बारिश होती है। 4 से 26 अगस्त तक बंगाल की खाड़ी में 5 कम दबाव के क्षेत्र बन चुके हैं।

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