भोपाल साइबर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह को डबरा से किया गिरफ्तार

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बैन चाइना एप्लीकेशन से आधार कार्ड तैयार कर इश्यूू करवाते थे सिम कार्ड; नाबालिग समेत सात आरोपी गिरफ्त में, एक फरार

असिस्टेंट डायरेक्टर एग्रीकल्चर भावना पांडे के बैंक खाते से निकाले गए 80 हजार रुपए की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। उनके खाते से निकली राशि अलग-अलग वॉलेट में ट्रांसफर हुई थी। इन वॉलेट को खोलने के लिए जो सिम कार्ड इस्तेमाल हुए थे, उन्हें एक ही लापू (मास्टर) सिम कार्ड से एक्टीवेट किया गया था। पुलिस ने जब लापू सिम कार्ड के धारक विकास जैन को पकड़ा तो गिरोह की कड़ियां जुड़ती चली गईं। गिरोह का सरगना नरेंद्र प्रजापति है, जो एक टेलीकॉम कंपनी का फील्ड सेल्स एक्जीक्यूटिव है।

वह देशभर के जालसाजों को फर्जी दस्तावेज, फर्जी वॉलेट व फर्जी मनी अकाउंट मुहैया करवाता है। पुलिस ने उसके 6 और साथियों को पकड़ा है। इस गिरोह के पास से पुलिस ने 800 फर्जी वोटर आईडी, 125 फर्जी आधार कार्ड, 800 इस्तेमाल किए गए सिम कार्ड जब्त किए हैं। ग्वालियर के डबरा का रहने वाला नरेंद्र प्रजापति गिरोह का सरगना है।

एएसपी संदेश जैन ने बताया कि गिरोह द्वारा जालसाजों को बेचे गए फर्जी दस्तावेज और फर्जी सिम कार्ड के जरिए ही भावना पांडे को कॉल किया गया था। जालसाज ने उन्हें क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर धोखा दिया था। पकड़े गए आरोपियों में नरेंद्र, मोहित गुप्ता, मोहन गुप्ता, कृष्णपाल सिंह, सतीश दुबे, विकास जैन और एक नाबालिग शामिल है।

ये है फरार: कौशल सिंह बैस की तलाश है। वह दिल्ली, झारखंड आदि राज्यों के जालसाजों के संपर्क में रहता है। गिरोह से दस्तावेज और फर्जी अकाउंट खरीदकर बड़े गिरोहों को बेच देता था।

फर्जी मनी अकाउंट के बदले मिलते थे 500 रुपए
एडीजी उपेंद्र जैन ने बताया कि आरोपियों ने फ्रॉड केवाईसी, फ्रॉड मनी और फ्रॉड टेलीकॉम मनी के नाम से 3 अलग-अलग वाॅट्सएप ग्रुप बना रखे हैं। इनके जरिए वह देशभर के जालसाजों के संपर्क में रहते हैं। डिमांड के अनुरूप जालसाजों को ये गिरोह फर्जी सिम कार्ड और फर्जी मनी अकाउंट मुहैया करवा देता था। हर फर्जी मनी अकाउंट के बदले उन्हें 500 रुपए मिलते थे।

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