मध्यप्रदेश में बंगाल की खाड़ी से बना नया सिस्टम दो दिन बाद हो सकती है भारी बारिश

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भोपाल। बारिश का इंतजार कर रहे हैं मध्य प्रदेश के ज्यादातर इलाकों ने मूसलाधार बारिश का हमला सहन किया है। मात्र 24 घंटे में साल भर का कोटा पूरा हो गया। रविवार को बादल तो आए लेकिन बरसे नहीं, लोगों ने राहत की सांस ली परंतु मौसम विभाग वालों ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी से नए बादलों का एक समूह मध्यप्रदेश की तरफ बढ़ रहा है। उम्मीद है कि यह मंगलवार को मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगा और बुधवार को बारिश होगी।

बंगाल की खाड़ी के बादलों का नया झुंड मंगलवार तक मध्य प्रदेश में

पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्रालय के भारत मौसम विज्ञान विभाग में कार्यरत मौसम विज्ञानियों के मुताबिक सोमवार को बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। इसके प्रभाव से मंगलवार से प्रदेश में बरसात का नया दौर शुरू होने के आसार हैं। 

मध्यप्रदेश में रविवार को कहां कितनी बारिश हुई

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक रतलाम में 26, गुना में 10, सतना में 7, होशंगाबाद में 6, छिंदवाड़ा में 5, पचमढ़ी, उमरिया में 4, खजुराहो में 2.8, उज्जैन में 2, इंदौर, जबलपुर में 1.2, सीधी, मंडला, धार में 1 मिमी. बारिश हुई। ग्वालियर और भोपाल में बूंदाबांदी हुई।

मध्यप्रदेश में मूसलाधार बरसे बादल अब राजस्थान चले गए हैं

कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में मध्य राजस्थान पहुंच गया है। मानसून द्रोणिका (ट्रफ) भी जैसलमेर से कम दबाव के क्षेत्र से झांसी होकर बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। मप्र में कोई मानसूनी सिस्टम नहीं रहने से रविवार को बरसात का सिलसिला काफी कम हो गया। हालांकि, अभी भी राजस्थान से लगे जिलों में कहीं-कहीं अच्छी बरसात होने की संभावना है। 

बुधवार-गुरुवार को पूरे मध्यप्रदेश में झमाझम बारिश हो सकती है

बंगाल की खाड़ी में सोमवार को बनने वाले कम दबाव के क्षेत्र से मंगलवार को पूर्वी मप्र में कुछ बरसात हो सकती है। बुधवार-गुरुवार से प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में अच्छी बरसात होने की उम्मीद है। 

पूरा मध्य प्रदेश लबालब लेकिन 3 जिलों अभी भी वर्षा की कमी

गौरतलब है कि प्रदेश में रविवार सुबह 8.30 बजे तक सीजन की कुल 710.8 मिमी. (28 इंच) बरसात हो चुकी है। जो सामान्य (687.9 मिमी.) से तीन फीसद अधिक है। तीन जिलों में सामान्य से कम प्रदेश में मात्र तीन जिलों-मंदसौर, टीकमगढ़ और छतरपुर में ही अभी तक सामान्य से कम बरसात हुई है।

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