जबलपुर में रविवार रात से मूसलाधार बारिश जारी है, शहडोल में बाणसागर बांध के 6 गेट खुले

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मौसम विभाग ने सोमवार को जबलपुर में भारी बारिश के अलर्ट जारी किया है, वहीं संभाग के मंडला, बालाघाट, डिंडौरी में अति भारी बारिश व छिंदवाड़ा में भारी बारिश की संभावना है। रात 11 बजे के बाद जबलपुर शहर में तेज बारिश शरू हो गई, गरज-चमक के साथ शुरू हुई तेज बारिश से थोड़ी देर में ही शहर तरबतर हो गया। शहडोल झमाझम बारिश के चलते बाणसागर बांध लबालब भर गया है, सोमवार की सुबह 7 बजे बाणसागर बांध के छह गेट आधा-आधा मीटर खोल दिए गए हैं।

राजधानी भोपाल में बीती देर रात से रुक-रुककर हल्की बारिश की सिलसिला जारी है।

प्रदेश के कई जिलों में बीती रात से जोरदार बारिश हो रही है। रात 11 बजे के बाद जबलपुर शहर में तेज बारिश शरू हो गई। गरज-चमक के साथ शुरू हुई तेज बारिश से थोड़ी देर में ही शहर तरबतर हो गया। शहर के अधिकांश क्षेत्रों में जलभराव हो गया। शहडोल जिले में पिछले एक सप्ताह से हो रही झमाझम बारिश के चलते बाणसागर बांध लबालब भर गया है। सोमवार की सुबह 7 बजे बाणसागर बांध के छह गेट आधा-आधा मीटर खोल दिए गए हैं। भोपाल में भी देर रात से रुक-रुककर हल्की बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने सोमवार को जबलपुर में भारी बारिश के अलर्ट जारी किया है। वहीं संभाग के मंडला, बालाघाट, डिंडौरी में अति भारी बारिश व छिंदवाड़ा में भारी बारिश की संभावना है।

राजधानी भोपाल में बीती देर रात से रुक-रुककर हल्की बारिश की सिलसिला जारी है। पिछले साल 15-16 अगस्त की दरम्यानी रात ही सीजन की बारिश का कोटा 43.64 इंच पूरा हो गया था। इस बार अब तक इससे 18 इंच कम बारिश हुई है। इस सीजन में अब तक 25.94 इंच बारिश हुई है। जुलाई और अगस्त में ज्यादा पानी नहीं बरसा। हालात यह हैं कि अगस्त के पिछले 10 दिनों में बंगाल की खाड़ी में बने तीन बड़े सिस्टम भी भोपाल में बारिश की जरुरत पूरी नहीं करा सके। पिछले साल के मुकाबले भोपाल में मानसून ने इस बार 12 दिन पहले दस्तक दी थी। इसके बावजूद मानसून ज्यादा सक्रिय नहीं रहा। 1 जून से शुरू हुए मानसून सीजन के ढाई महीने बीत चुके हैं।

ग्वालियर- मानसून सीजन के ढाई माह गुजरे, 353.6 मिमी हुई बारिश

मानसून सीजन के ढाई माह गुजर चुके हैं। अब बारिश के केवल एक माह बचे हैं। फिर भी अब तक मानसून सीजन के कुल कोटे की आधी बारिश भी नहीं हुई। अब तक 353.6 मिमी बारिश हुई है। जबकि मानसून सीजन में औसत बारिश का कोटा 790.6 मिमी है। इस तरह मानसून सीजन का औसत बारिश का कोटा पूरा करने के लिए 437 मिमी बारिश की दरकार है। तब जाकर औसत बारिश का कोटा पूरा हो सकेगा। हालांकि अब तक का बारिश का कोटा 499 मिमी है। अब तक के कोटे के हिसाब से शहर में 145.4 मिमी बारिश कम हुई है। रविवार को दोपहर में धूप निकली। इससे लोगों ने उमस का अहसास किया। हालांकि दिन में बूंदाबांदी भी हुई। लेकिन गर्मी से राहत नहीं मिल सकी। बारिश नहीं होने का कारण मानसून सिस्टम का ज्यादा सक्रिय नहीं होना है, जिस कारण अंचल मंे अभी बारिश नहीं हो रही। अभी दो दिन मध्यम दर्जे की बारिश की उम्मीद है।

कमजोर होगा निम्न दाब क्षेत्र
चक्रवातीय घेरा अगले 24 घंटे के दौरान उत्तरी मप्र के ऊपर होगा। इसके बाद कमजोर पड़ जाएगा। इस सिस्टम से मध्यम दर्जे की बारिश की उम्मीद है। 19 अगस्त से बंगाल की खाड़ी मंे जो सिस्टम बन रहा है। यह मप्र के उत्तर की बजाय दक्षिणी हिस्सा से गुजरेगा। इससे भी ग्वालियर-चंबल संभाग में ज्यादा बारिश नहीं होगी।

-वेद प्रकाश सिंह, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक

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