एमपी में तबादलों पर कैसे हुई सियासत, शिवराज की एक तीर से कितने निशाने

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देर से बना मंत्री मंडल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्री मंडल विस्तार में काफी समय लगा दिया लेकिन उस दौरान उन्होंने सभी प्रमुख विभागों में अपने करीब अफसरों को तैनात कर दिया है। सूत्रों के अनुसार कुछ दिन पहले आई अफसरों के तैनाती की लिस्ट एक बार फिर सिंधिया समर्थक मंत्रियों के लिए नाराजगी का कारण बन गई है। लिहाजा सिंधिया सर्मथक मंत्रियों में अंदरूनी कलह मच गई है। तबादलों की यह नई सूची साफ बता रही है कि सूची में शिवराज खेमे के मंत्रियों के विभाग में लो प्रोफाइल आईएएस अफसर दिए गए हैं। जबकि भाजपा के कई प्रमुख विभागों के वरिष्ठ मंत्री पहले ही अफसरों की नाफरमानी से परेशान हैं।

गृहमंत्री भी निशाने पर

शिवराज के सामने कद्दावर मंत्री के रूप में उभर रहे नरोत्तम मिश्रा को विभाग में राजेश राजौरा की नियुक्ति कर दी गई है। सभी जानते हैं कि नरोत्तम मिश्रा और राजेश राजौरा के संबंध कभी भी बहुत अच्छे नहीं रहे और राजेश राजौरा को लेकर हमेशा कहा जाता है कि वह अपने विभाग के मंत्री की बात कभी नहीं सुनते, इस सूची में इसी तरीके का विभागीय तबादला सिंधिया खेमे के मंत्रियों के लिए भी देखा जा सकता है तुलसी सिलावट के विभाग में अब एसएम मिश्रा की नियुक्ति कर दी गई है। बिसाहू लाल सिंह के विभाग में फैज अहमद किदवई जैसा बड़ा नाम है और इसी तरीके से राजवर्धन सिंह दत्ती गांव के विभाग में अब विवेक पोरवाल होंगे यानी साफ है कि शिवराज खेमे के पास जो विभाग नहीं है उन विभागों में शिवराज ने अपने करीबी वरिष्ठ अफसरों की तैनाती कर दी है।

शिवराज के करीबी

हालांकि बीजेपी भी इस बात से इंकार नहीं कर पा रही। कोरोना काल में बनी शिवराज सरकार में अगर देखें तो अब तक चार ही मंत्री सबसे ज्यादा चर्चा में रहे हैं इनमें नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और कमल पटेल शामिल है और देखे तो इन चारों के ही विभागों में अब जिम्मेदारी एसीएस स्तर के उन बड़े अफसरों को दे दी गई है जो शिवराज के करीबी माने जाते हैं। राजनैतिक तबकों में अब ये कहा जाने लगा है कि शिवराज के इस निर्णय के बाद उनके ही मंत्रियों की ही अपने मुख्यमंत्री से दूरियां बढ़ जाएंगी।

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