राहुल गांधी का सरकार पर निशाना, कहा सरकार गूंगी थी अब अंधी-बहरी दोनों हो गयी है

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कांग्रेस पूर्वाध्यक्ष राहुल गांधी ने आशाकर्मियों की हड़ताल को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। आंगनवाड़ी, आशा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसे कार्यक्रमों के तहत काम करने वाले कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों ने शुक्रवार से दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आशाकर्मियों की हड़ताल को लेकर शनिवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि पहले से ‘गूंगी’ हो चुकी सरकार अब ‘अंधी-बहरी’ भी हो गई है। उन्होंने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘ आशा कार्यकर्ता देशभर में घर-घर तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुंचाती हैं। वे सच मायने में स्वास्थ्य योद्धा हैं लेकिन आज ख़ुद अपने हक़ के लिए हड़ताल करने पर मजबूर हैं।’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘सरकार गूंगी तो थी ही, अब शायद अंधी-बहरी भी है।’ उन्होंने जिस खबर का हवाला दिया उसके मुताबिक, देश भर की आशाकर्मी अपनी कई मांगों को लेकर 7 अगस्त से दो दिन की हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांग यह है कि उन्हें बेहतर और समय पर वेतन मिले तथा न्यूनतम वेतन सुनिश्चित किया जाए।

आशा, आंगनवाड़ी और अन्य संगठनों ने किया दो दिन की हड़ताल का आह्वान

बता दें आंगनवाड़ी, आशा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसे कार्यक्रमों के तहत काम करने वाले कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों ने बृहस्पतिवार को बेहतर सेवा स्थिति और लाभों की मांग करते हुए शुक्रवार से दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया। इस संबंध में एक बयान में कहा गया कि 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों से जुड़ा मंच ‘जेल भरो सत्याग्रह’ भी करेगा।

संयुक्त बयान में कहा गया कि इंटक, एआईटीयूसी, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी जैसी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों से जुड़े आंगनवाड़ी, आशा, मध्याह्न भोजन योजना, एनएचएम समग्र शिक्षा और अन्य से संबंधित संगठन सात और आठ अगस्त को दो दिन की हड़ताल पर रहेंगे।

बयान में कहा गया कि इन संगठनों से जुड़े कर्मचारी कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे के योद्धा हैं, लेकिन उन्हें मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें सुरक्षा, बीमा और जोखिम भत्ता जैसी कोई सुविधा सरकार ने उपलब्ध नहीं कराई है।

‘भारत बचाओ दिवस’ का नारा
यूनियनों ने दावा किया कि इस अवधि में कोरोना वायरस की वजह से कई कार्यकर्ताओं/कर्मचारियों की मौत हुई है और स्थिति यह है कि इन लोगों को महीनों तक उनके मासिक पारिश्रमिक का भुगतान तक नहीं किया जाता। उन्होंने सरकार से सभी कार्यकर्ताओं/कर्मचारियों का लंबित वेतन और भत्ते तत्काल उपलब्ध कराने की मांग की।

बयान में कहा गया कि वे ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन के दिन केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत नौ अगस्त 2020 को सत्याग्रह/जेल भरो आंदोलन में शामिल होंगे और ‘भारत बचाओ दिवस’ का नारा देंगे. यूनियनों ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में लगे अग्रिम पंक्ति के इन योद्धाओं के लिए ड्यूटी पर मौत के दौरान 50 लाख रुपये के मुआवजे और उनके आश्रितों को नौकरी तथा पेंशन देने की मांग की है।

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