क्राइम ब्रांच ने लुटेरी दुल्हनों को सरगना समेत पकड़ा

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लुटेरी दुल्हन लाखों के गहने और रकम लेकर हो जाती थी फरार, फर्जी नाम-पते होने के कारण नहीं चल पाता था पता, लॉकडाउन में नौकरी छूटी तो दिनेश पांडे एक महिला के संपर्क में आकर इस धंधे में उतर गया था।

शादी करने के बाद ससुराल पक्ष के जेवर और रकम लेकर फरार होने वाली तीन महिलाओं को भोपाल क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना और चार दलालों को भी पकड़ा है। गिरोह का सरगना पहले सिक्योरिटी गार्ड था। लॉकडाउन में नौकरी छूटी तो वह एक महिला के संपर्क में आकर इस धंधे में उतर गया। महज चार महीने के भीतर उसने नौ शादियां करवाकर वर पक्ष से लाखों रुपए ऐंठ लिए। एएसपी गोपाल धाकड़ के मुताबिक कालापीपल निवासी कामता प्रसाद ने शिकायत की थी कि उन्हें शादी के लिए एक अच्छी युवती की तलाश थी।
इस बीच भोपाल निवासी हिंदू सिंह ने उन्हें दिनेश पांडे से मिलवाया। दिनेश ने पूजा उर्फ रिया से मिलवाया। दिनेश ने शादी करवाने के एवज में 85 हजार रुपए लिए और सीहोर में शादी की लिखा-पढ़ी करवा दी। शादी के 8-10 दिन बाद दिनेश ने कॉल कर बताया कि पूजा की बहन का ऑपरेशन है। पूजा को मायके भेज दीजिए। भरोसे में आकर पूजा घर से कुछ और पैसे लेकर निकली, फिर नहीं लौटी। फोन नंबर भी बंद कर लिया। दिनेश से बात करने पर पता चला कि उसने दूसरी शादी कर ली है। शिकायत के बाद पुलिस ने गिरोह के 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

जगदीश मीणा

ये हैं सोहागपुर के जगदीश मीणा। इन्हें राजू ठाकुर के जरिए पूजा उर्फ टीना धाकड़ से मिलवाया गया था। 22 मई को पूजा ने जगदीश से शादी कर ली। 15 दिन बाद भोपाल आई और फिर नहीं लाैटी। इस गिरोह ने जगदीश से 60 हजार रुपए ऐंठ लिए।

ये गिरफ्तार

गिरोह का सरगना दिनेश पांडे, दलाल तेजूलाल, वीरेंद्र धाकड़, सलमान खान और विक्रम। लुटेरी दुल्हन पूजा उर्फ रिया उर्फ टीना धाकड़, सीमा पाटीदार उर्फ सीमा तिवारी और रीना उर्फ सुल्ताना। राजगढ़ निवासी प्रेम सिंह राजपूत और शाजापुर के कालापीपल निवासी मेहरबान सिंह से भी गिरोह ने दुल्हनों के जरिए हजारों रुपए ऐंठ लिए। अब इस मामले में पुलिस को गिरोह के आठ अन्य सदस्यों की भी तलाश है। इनमें छह पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं।

दिनेश पांडे

फर्जी आधार कार्ड बनाता था
दिनेश पांडे से पुलिस ने शादियों के फर्जी एग्रीमेंट, असल और नकली आधार कार्ड भी जब्त किए हैं। शादी के समय युवती को जिस नाम से वर पक्ष से मिलवाया जाता था, दिनेश उसी नाम से युवती का आधार कार्ड तैयार कर लेता था। उनके कब्जे से पुलिस ने 1.10 लाख रुपए भी जब्त किए हैं।

रकम का बंटवारा हर शादी के बाद दुल्हन के हिस्से में आते थे 30 हजार

दलालों के जरिए ढूंढते थे दूल्हा
टीआई अजय मिश्रा ने बताया कि इसके बाद वह हिंदू सिंह के जरिए रीना उर्फ सुल्ताना के संपर्क में आया। 21 मार्च 2020 को करवाई गई पहली शादी में वह मददगार बना। उसके हिस्से में 50 हजार रुपए आए। फिर उसने अन्य दलालों के साथ मिलकर यही काम शुरू कर दिया।

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