देश की सरकार ने कोरोना महामारी को भगवान राम के भरोसे छोड़ दिया है- जीतू पटवारी

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पटवारी ने चीन के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा, लिखा – प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्रालय का बयान अलग-अलग, सच्चाई देशवासियों को जानने का हक है या नहीं

पूर्व मंत्री जीत पटवारी ने एक बार फिर से केंद्र की मोदी सरकार पर ट्वीट के जरिए हमला बोला है। पटवारी ने लिखा – देश की सरकार ने कोरोना महामारी को भगवान राम के भरोसे छोड़ दिया है, जीना है जियो… मारना है मरो… हे राम देश को बचाओ। कोरोना के साथ ही पटवारी ने चीन के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा है। पटवारी ने सरकार से सवाल करते हुए एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा – प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्रालय का बयान अलग-अलग है। सच्चाई देशवासियों को जानने का हक है या नहीं, भारत के प्रधानमंत्री, चाइना दोनों एक ही भाषा बोल रहे हैं। भारत की जमीन पर घुसपैठ नहीं हुई। आप देश को सच्चाई बता दें, प्रधानमंत्री सही है या रक्षा मंत्रालय का बयान… देश को गुमराह मत करो।

राहुल गांधी भी प्रधानमंत्री पर कर चुके हैं हमला
जीतू पटवारी के पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी चीन के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला था। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में अपनी वेबसाइट पर सीमा विवाद से जुड़े डॉक्यूमेंट अपलोड किए हैं। इनके मुताबिक- एलएसी और खासकर गलवान घाटी में 5 मई से चीन की आक्रामकता बढ़ रही थी। उसने 17-18 मई को कुंगरांग नाला, गोगरा और पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर घुसपैठ की थी। मंत्रालय ने पहली बार चीनी घुसपैठ की बात मानी है।

पटवारी लाॅकडाउन का बता चुके हैं फेंक
जीतू पटवारी लॉकडाउन को पूरी तरह से फेल बता चुके हैं। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि आपने आज तक जितने प्रयास किए सब असफल रहे। कांग्रेस पार्टी हर समय आपके साथ खड़ी रही और आगे भी खड़ी रहेगी, लेकिन इस महामारी से निपटने के लिए आपको कोई मास्टर प्लान तो बनाना पड़ेगा। हमें किसी प्रकार से इस जीवन को चलाकर इस कोरोना से लड़ना है। इसके लिए आपकी क्या नीति है। उन्होंने प्रशासन को दिशाहीन भी कहा था।

पटवारी लालवानी को कह चुके हैं एक्सीडेंटल सांसद
पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री और कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने सांसद शंकर लालवानी पर भी निशाना साध चुके हैं। लालवानी के सांवेर क्षेत्र में घोड़े पर सवार होकर प्रचार करने को लेकर कहा था कि मैं कई बार कह चुका हूं कि वे एक्सीडेंटल सांसद हैं। छोटे गिलास में ज्यादा पानी भरा गया। वे सांसद नहीं, पार्षद का दायित्व निभा रहे हैं। एक सांसद को किस तरह से काम करना चाहिए, उनमें इस बात की बहुत कमी है।

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